पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२८२

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गंगाका, गङ्गाका ( २७५ ३ दोगला वर्षसहर विशेष इस जाति के पुरुष सुर्वे ढोया करते हैं। २ गङ्गा के घाटों पर बैठ कर यात्रियों से पुजवाने वाले। घाटिया-भृत्. (पु०) १ शिव : २ समुद्र । यात्रा. (स्त्री०) १ गङ्गाजी को जाना।२ मरणासह पुरुष को भरने के लिये गातट पर लेजाना -सागर, (पु० ) वह स्थान, जहाँ गङ्गाजी समुद्र में गिरती हैं।सुतः, (पु०) : भीष्म २ कार्तिकेय (पु० ) एक तीर्थ का नाम गंगाका, गङ्गाका ) गंगका, गङ्गका गंगिका, गझिका गंगोलः, गङ्गालः (पु०) रत्न विशेष जिसे गोमेद भी कहते हैं। ( स्त्री० ) श्री गङ्गाजी गच्छः ( पु० ) १ च २ गणित का पारिभा- षिक शब्द विशेष । ) गऊज. चाल से चलनेवाली स्त्री। दम-द्वयस, (दि०) हाथी जितना ढाँचा या ऊँचा दन्तः ( पु० ) दान हाथी का दाँत-२ गणेश जी । ३ हाथी- दाँत का । ४ खूंटी 1 कील याकेट (जो दीवाल पर लटका दिया जाता है)।---दुस्तमय,

वि० ) हाथी दाँत का बना हुआ /- दानं,

( न० ) १ हाथी का मद । २ हाथी -नासा (स्त्री०) हाथी की फनपटी। पतिः, (पु०) १ हाथी का स्वामी २ बड़ा ऊँचा गजरान। ३ सर्वोत्तम हाथी-पुङ्गवः (पु०) गजराज पुरं, (न० ) हस्तिनापुर नगर । --बंधनी, - बंधिनी. (स्त्री०) गजशाला--भक्षकः ( ५०) श्ररवय वृक्ष - मण्डनम् ( स० ) हाथी के माथे पर बनाई हुई रन बिरङ्गी रेखाएँ हाथी का शृङ्गार 1-- मण्डलिका, मण्डली, - ( स्त्री० ) हाथियों की मण्डली (~-माचलः, ( पु० ) सिंह । --मुक्ता ( स्त्री० ) -मौकिक, ( न० ) गज के मस्तक से निकलने वाला मोती ।~मुखः, -वक्त्रः, चदनः ( पु० ) गणेश जी ।-मोटनः (पु०) सिंह | शेर- यूथं, (न० ) हाथियों का झुंड । -योधिन्, (वि०) हाथी की पीठ पर बैठ कर लड़ने वाला। ~~राजः, (पु०) हाथियों में सर्वोत्कृष्ट हाथी । -वजः, ( पु० ) हाथियों की एक टोली- साइयम्, (न०) हस्तिनापुर । - स्नानम्, (न०) हाथी का स्नान । (आलं) स्वर्थ का काम जिस प्रकार हाथी स्नान कर पुनः सूड़ में भर सूखी मिट्टी अपने ऊपर डाल कर स्नान व्यर्थ कर डालता है; उसी प्रकार कोई काम करके पुनः वंह खराब कर डाला जाय, तो उस कार्य को गजस्नानवत् कार्य कहते हैं। गजू (धा० परस्मै०) [गजति गजित] १ शोर करना। गर्जना।२ नशे में होना घवड़ा जाना । गजः ( पु० ) १ हाथी | २ आठ की संख्या ३ लंबाई नापने का माप विशेष जो दो हाथ का होता है। "काचारमगुरुवादिंगुको " ४ राक्षस जिसे शिव जी ने मारा था। अप्रणी, ( पु० ) १ सर्वोत्तम हाथी २ ऐरावत की उपाधि |-अधिपतिः, ( पु० ) गजराज | --अध्यक्षः, ( पु० ) हाथियों का दारोगा । - अपसदः, (पु० दुष्ट हाथी ।-अशन, (पु० ) अश्वस्थ वृक्ष अशनं, (न० ) कमल की जड़ असि ( पु० ) १ सिंह | २ गज नामी राक्षस के मारने वाले शिवजी ।-आजीवः, ( पु० ) महावत -आननः यः (पु० ) गणेश जी। - आयुर्वेदः, ( पु० ) हाथियों की चिकित्सा का शास्त्र --आरोहः (पु०) महावत -आई, श्राह्वयम्, ( न० ) हस्तिनापुर नगर का नाम /~-इन्द्रः (पु० ) गजराज | २ ऐरावत /-इन्द्रक, (पु०) शिव जी /- कुर्माशिद, (पु० ) गरुड जी । -गतिः, (स्त्री०) १ हाथी जैसी चाल | मदमाती चाल २ गज- गंजः १ खान २ खजाना | २ ग्रामनी स्त्री ।-गामिनी, (स्त्री० ) हाथी जैसी | गजः ) गअ अनाज की मगढी । ५ अवज्ञा तिर- गोशाला : ४ गजता (स्त्री० ) हाथियों का समूह । गजवत् ( वि० ) १ हाथी की तरह २ हाथी रखने- वाला । गंजू ) ( धा० परस्मै० ) [ गञ्जति ] गजे से शब्द करना । विशेष रूप