पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२७६

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खखट दो रूप होते हैं ] पक्षी | २ सूर्य | ३ बादल । ४ हवा । २ राक्षस । चरी (खचरी, खेचरी) (स्त्री०) १ उड़ने वाली अप्सरा | २ दुर्गादेवी की उपाधि (~~जलं, (न० ) थोस । वर्षा का जल कोहर । कुहासा । —भ्योतिस्, ( पु० ) शगुन्। - तमालः, ( पु० ) १ बादल १२ पु खजपम् ( न० ) घी । घृत | खजाकः (पु० ) पी। चिड़िया | द्योतः, ( १० ) १ जुगुन् । २ सूर्य । -योतनः | खजाजिका (स्त्री० ) फलट्री | चमचा । खंज 1 ( पु० ) सूर्य 1- धूपः, ( पु० ) अग्निवाण --परागः, (पु० ) अन्धकार । - पुष्पं, (न० ) खंज ) ( वि० ) लंगड़ा | रुका हुआ । खेदः, ( धा० परस्मै० ) [ खञ्जति ] तंग करना । खजे ) लंगड़ा कर चलना | रुक जाना । (पु० ) १ खेल । २ खञ्जन पक्षी । - आकाश का फूल | [ इस शब्द का प्रयोग उस खख समय किया जाता है, जब असम्भवता दिखलानी | खंजन: } ( S० ) खञ्जन पक्षी की जाति विशेष । होती है।] खंजनम् ) ( न० ) लँगड़ी चाख | लंगड़ा कर चलने खञ्जनम् । की चाल खंजना, खजना खंजनिका, खञ्जनिका - सुभाषित -सं, (न०) ग्रह । - भान्तिः, (पु०) स्पेनपची -मणिः, (पु०) सूर्य । - मीलनं, (न०) औंधायी । थकावट । —मूर्तिः; ( पुo ) शिवजी का नाम । खंजरीटः, खञ्जरीटः खंजटकः, खञ्जटक खंजलेखः, खअलेखः. ( पु०) खंजन पक्षी | चारि, (न०) वृष्टिजल | घोस । -चाप्पः, (पु०) | खटः ( पु० ) १ कफ ( २ अंघा कूप । ३ टाँकी । ४ बर्फ । कोहरा । कोहासा -शय, या खेशय, (वि०) आकाश में सोने वाला या रहने वाला। -श्वासः, ( पु० ) हवा । पथन -समुत्य, हल । २ घास कटाहकः, (पु० ) पीकदान | -खादकः, (पु०) : गीदड़ | शृंगाल | २ काक | कैौधा । ३ जन्तु । ४ शीशे का पात्र । संभव, (वि०) आकाशोत्पन्न । - सिन्धुः, (पु०) | खटकः ( पु० ) ३ सगाई कराने का धंधा करने चन्द्रमा । स्तनी (स्त्री०) धरती | ज़मीन /- स्फटिकं, (२०) सूर्यकान्त या चन्द्रकान्त मणि । खटकामुखं ( न० ) गोली चलाने के समय हाथ की वाला । २ अधमुँ दा हाथ। [विशेष परिस्थिति । -हर, (चि० ) जिसका भाजक शून्य हो । खट ( वि० ) सख्त । ठोस । खटिका (स्त्री०) १ खड़िया | २ कान का बाहिरी भाग खटिक्किका खखट: ( पु० ) खड़िया मिट्टी | खडकिका } (स्त्री०) खिड़की । निम्न श्लोक में चार असम्भवताएँ प्रदर्शित की गयी हैं मृगतृष्यांनति स्नातः शशशृङ्गनुर्धरा एप वन्ध्या तो बाहि पुष्पकृतशेखरः ॥ खंकरः } (पु० ) अलक । लट । काकुल । े खच् ( घा० परस्मै०) [खचति, खन्नाति, खचित] 1 प्रकट होना। सामने आना। २ पुनर्जन्म होना । ३ पवित्र करना । ( उभय० ) बाँधना | जड़ना । लपेटना । ( २६९ ) खचित (वि० ) १ जड़ा हुआ | भरा हुआ । मिला हुआ। २ गड़ा हुआ । गड़बड़ करना। ३ जड़ा हुआ। खजू ( धा० परस्मै० ) [खजति, खजित] मथना । खजः ) ( पु० ) मथानी | मथने की लकड़ी गड्ढड्ड करना घालमेल करना। खटिनी खटी ( जाति विशेष । ( श्री० ) खञ्जन पक्षी की (स्त्री०) खड़ी | खड़िया मिट्टी खट्टन ( वि० ) बौने धाकार का फढाकार। खट्टनः ( पु० ) बौना । कदाकार मनुष्य | [ घास | खट्टा (स्त्री० ) १ खाट। चारपाई । २ एक प्रकार की खट्टि (पु० स्त्री० ) अर्थो । बिवान । I | खट्टकः (पु० ) खटिक खटीक । चिड़ीमार । बहेलिया । शिकारी । २ कसाई | खट्टेक (वि० ) टिंगना । कदाकार।