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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२६६

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क्रमक ( २५६ ) किया 1- 2 कार्य १२ वेद पढ़ने की शैली विशेष | १३ | कशिमन् (पु०) दुबलायन | लटापन। सीणता । शक्ति | ताकत |-- अनुसार, [कमानुसार: ] | काकविकः ( पु० ) आराकश। आरा चलाने वाला। (४०) अभ्यः [कमान्वयः] (पु०) ठीक सिल- सिलेवार | यथावस्थित प्रागत, आयात, ( वि० ) पैतृक । पुश्तैनी --ज्या. (स्त्री०) राय घटती । --भङ्ग, ( पु० ) अनियमितता ! क्रमक (वि० ) क्रमानुसार क्रमबद्ध पद्धति के अनुसार यथानियम। [पूरा करे। क्रमकः ( पु० ) यह विद्यार्थी जो कमशः पाठ्यक्रम कमणं ( न० ) १ पग कदम २ चलना य चाल। ३ अप्रगमन ४ उल्लंघन | भङ्ग । क्रमणः (पु० ) पैर घोड़ा। क्रमतः (अव्यया० ) धीरे धीरे । क्रम से। क्रमुः, मुकः ( पु० ) सुपारी का पेड़ । क्रमेलः कमलक: } (पु० ) उंट | क्रयः (१०) खरीद | लिवाली ।—भारोहः, (पु०) बाज़ार । हाट | पैंठ ---क्रीत, (वि० ) खरीदा | हुआ । मोल लिया हुआ -लेख्यम्, ( न० ) येचीनामा दानपत्र बृहस्पति जी बेचीनामे की व्याख्या इस प्रकार करते हैं-- क्रमशः ( अध्यय ) 1 सिलसिलेवार । क्रमानुसार | | क्रिमिः (पु० ) १ कीड़ा | २ छोटा कीड़ा | २ धीरे धीरे एक के बाद एक । क्रमिक (वि०) १ क्रमागत । एक के बाद एक सिल | क्रिया (स्त्री०) 1 सम्पादन कार्यं । कृति | सफलता। २ कर्म उद्योग उद्यम ३ परिश्रम ४ शिक्षण I सिलेवार | २ पैतृक । पुरतैनी । २ गानवायादि किसी कला की अभिज्ञता या जन- कारी ६ अभ्यास |७ साहित्यिक रचना यथा मगोभिरवदितः कियाभिनौ कालिदासस्य | -विक्रमोवंशी | पाकिस्तुल्य मूल्यान्वितम् । एवं कारयतेप्रायलेशवं तद्प -विक्रयौ, (द्विवचन० ) व्यापार व्यवसाय | खरीद फरोख्त/विविकः, (पु० ) व्यापारी । सौदागर | ऋयां (न० ) खरीद। लेवाली। क्रयिकः ( पु० ) 1 व्यापारी सौदागर । २ खरी- ( दि० ) गया हुआ | गा दार ग्राहक | ऋथ्य (वि० ) विक्री के लिये। बिकाऊ । ऋव्यं ( न० ) कच्चा मांसद, भुज ( वि० ) कन्यामाँस खाने वाला । ( पु० ) १ शेर, चीता धादि माँस भी जीवजन्तु २ राक्षस पिशाच कान्त कांतः ) कान्तः ) 1 (०) १ घोड़ा | २ पैर पददर्शिन ( वि० / सर्वेश | क्रांतिः } ( स्त्री० ) १ गति । अप्रगति । २ पग | क्रान्तिः ) कदम | ३ अग्रगमन ४ आक्रमण वशवर्ती करण | विषुवरेखा से किसी ग्रहमण्डल की दूरी ६ घायनिक - कक्षः, (पु०) - मराडलं, -वृसं, (न० ) अयनवृत्त या मण्डल पृथिवी का भ्रमणपथ | कायकः ) ( पु० ) 1 खरीदार गाहक हेवालिया। क्रायिकः १२ व्यापारी । कालिदासस्य पार्या कर्म परिषदो बहुमान - मालविकाग्निमित्र | ८ प्रायश्चित कर्म । अनुष्ठान पद्धति प्राया- श्चित १० आदकर्म । मृतसंस्कार | दाह कर्मादि । ११ पूजन | १२ चिकित्सा | इलाज | १३ गति । हरकत ।अन्वित (वि० ) कर्मकारडी अपवर्ग:, ( पु० ) १ किसी कार्य का सम्पादन या सुसम्पन्नता । २ कर्मकाण्ड से छुटकारा - अभ्यु- पगमः (50) विशेष प्रतिज्ञापत्र | इकरारनामा | -अवसन, ( दि०) वह पुरुष जो अपने गवाहों के बयान के कारण अपना मुकदमा हारता है। -कलापः, ( वि० ) १ वह समस्त कर्मकाण्ड जो एक सनातनधर्मी को करना चाहिये । २ किसी व्यवसाय का आायन्त विस्तृत विवरण 1-कारः, ( वि० ) १ गुमास्ता। मुख्तार | मुनीम | २ नोसिखुआ | ३ इकरारनामा प्रतिज्ञापत्र -- द्वेषन (पु०.) जिसकी ओर गंवाही दे उसके