कृत ( जड़ना २ स्थिर करना । नियत करना । ३ बाँटना। ४ सम्पन्न करना। ५ विचारना । क्लृप्त ( द० कृ० ) १ रचित | बनाया हुआ । सजा हुआ। टुकड़े किया हुआ | काटा हुआ |३ उत्पन्न किया हुआ। ४ स्थिर किया हुथा। तै किया हुआ । ५ आविष्कृत | विचारा हुआ |--- कीला, ( स्त्री० ) किवाला एक प्रकार की दस्तावेज | क्लृभिः (स्त्री०) १ पूर्णता | सम्पूर्णता | सफलता | कामियावी । २ आविष्कार । सुव्यवस्था | क्लप्तिक (वि० ) खरीदा हुआ । क्रीत | [निवासी । केकयः (पु० ) (यहुवचन ) देश विशेष और उसके कैकर ( वि० ) [ स्त्री० – केकरी] ऐचाताना | भेंड़ी आँख वाला। मँड़ा। केकरं (न०) सैंदापन | केका (स्त्री०) मोर की बोली। केकावलः ) केकिकः केकिन ( पु० ) मोर मयूर | २५२ केलि ( न० ) वैडूर्य । – वसनं, ( न० ) कपड़े की पताका । केदारः ( पु० ) १ पानी भरे खेत । चाह । २ थाला । खोडुआ । ३ पर्वस | ४ केदार पर्यंत ५ शिवजी का रूप विशेष 1-खण्डम् ( न० ) में बाँध :--नाथः, ( पु० ) शिवजी का रूप विशेष | केनारः (पु० ) १ सिर शीश २ खोपड़ी । ३ जाल | ४ गाँठ जोड़ केनिपातः ( go ) पतवार डाँड़ केन्द्रम् ( न० ) १ वृत्त का मध्य भाग । २ वृत्त का प्रमाण । ३ जन्मपत्र के लग्न, चतुर्थ ससम और दशम स्थान ४ मुख्यस्थान मध्यस्थल । बाजूबंद | जोशन । तावीज्ञ । केशिका ( स्त्री० ) खीमा। तंबू । कनात | केतः ( पु० ) १ मकान | २ आवादी घस्ती | ३ भंडा । पताका । ४ सङ्कल्प । इरादा। अभिलाषा | केतकं (न० ) केतकी का फूल । केतकः ( पु० ) १ एक पौधे का नाम । २ भंड़ा। पताका । केतकी ( स्त्री० ) १ एक पौधा विशेष | २ केतकी का फूल । केतनम् ( न० ) १ घर । मकान २ आमंत्रण | बुलावा ३ जगह स्थान ४ झंडा पताका ५ चिन्हानी चिन्ह ६ अनिवार्य कर्म । केतित (वि०) आमंत्रित | बुलाया हुआ | २ बसने वाला। बसा हुआ केतुः ( पु० ) १ झंडा । पताका २ प्रधान । मुखिया । नेता | ३ पुच्छलतारा धूमकेतु । ४ चिन्हानी | निशान। ४ चमक सफाई ६ प्रकाश की किरन । ७ उपग्रह विशेष | केतुग्रह - ग्रहः, ( पु० ) केतुग्रह । --भः, (पु० ) बादल । -यष्टिः, ( स्त्री० ) पसाका का बॉस -रत्नं, } केयूरः (पु० ) ) केयूरम् (न० ) ) केरलः ( पु० बहुवचन ) मालावार देश और वहाँ के अधिवासी । केरली (स्त्री० ) १ मालावार की स्त्री । २ ज्योति- विज्ञान | केलू ( धा० परस्मै० ) [ केलति, केनित ] १ • हिलाना | २ क्रीड़ा करना | क्रीडोत्सुक होना । कैलकः ( पु० ) नचैया । नाचने वाला । केलासः ( पु० ) स्फटिक पत्थर केलिः ( पु० स्त्री० ) १ खेल | क्रीड़ा | २ आमोद प्रमोद | ३ हँसी मज़ाक। दिल्लगी। हर्ष, कला । ( स्त्री० ) १ रतिकला | २ सरस्वती देवी की वीणा । – किल, ( पु० ) विदूषक | मस- खरा 1- किलावती, ( स्त्री० ) कामदेव की पत्नी। रति देवी कीर्णः, ( पु० ) ऊंट - कुञ्चिका ( वि० ) छोटी साली । – कुपित, ( वि० ) खेल में क्रुद्ध 1- कोषः, (पु०) अभि नय-पात्र | नचैया -गृह-निकेतनम्,- मन्दिरं, -सदनम्, ( न० ) प्रमोद भवन | --- नागरः, (५०) कामासक्त कामुक ऐयाश - पर, (वि० ) खिलाड़ी। श्रमोदप्रमोदप्रिय । -मुखः, (पु०) हँसी। खेल । आमोद प्रमोद । - वृक्षः ( पु० ) कदम्ब वृत्त विशेष । -शयनं,
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