पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२५४

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( २४७ ) कृ मस्तुल–अङ्कः-अङ्गः, (पु०) रोमाञ्च रोंगटे | कूर्मः ( पु० ) १ कढ़वा | २ फण्डावतार | ध्रुवताः खड़े होना । -कच्छपः, -मराइकः ( पु० ) -मराहू की, (स्त्री०) कुए का कप या मैड़क । (घालं०) अनुभवशून्यमनुष्य । - यंत्रम्, ( न० ) पानी निकालने का रहट । ( पु० ) भगवान् का कच्चपावतार -पृष्ठं -पृष्ठकं, ( म० ) १ कळवे की पीठ १ ढकना -राजः ( पु० ) विष्णु भगवान् अपने दूसरे अवतार के रूप में कूलं ( न० ) १ समुद्रतट नदीतट | २ ढाल । उतार | ३ चंचल छोर किनारा | सामीप्य ४ नाताव | ५ सेना का पिछला भाग ६ ढेर | ढीला चर, ( वि० ) नदीवट पर धरने वाला या रहने वाला। ---भूः ( स्त्री० ) तट की भूमि । - हराडकः-हुराडकः, ( पु० ) अल- भँवर । ५ कृपक कूपक (पु०) १ अस्थायी या कशा कुआँ । २ गुफा बिल ३ जांयों के बीच का स्थान । ४ जहाज़ का मस्तूल १२ चिता ६ चिता के नीचे के रन्ध | ७ कुपी कुप्पा ८ नदी के बीच की चहान या वृक्ष | कूपारस } (I० } समुद्र । कूवारः कूपो ( स्त्री० ) १ कुइयां | छोटा कूप | २ बोतल । करावा । ३ नाभि । कुजंकपः, कूलङ्कषः (पु० ) नदी की धार । कृलंकषा. कृतङ्कपा (स्त्री० ) नदी | सरिता | कूलंघय, कूलन्धय (बि०) नदी सटक्त । नदीतट के कूचर ) (वि०) [स्त्री० -कुबरी कूवरी] सुन्दर कुबेर ) मनोहर । २कुबड़ा । कूबरः ) ( पु० ) वह बाँस जिसमें जुए को फँसाते हैं। २ कुबड़ा आदमी | कुबरी ) (स्त्री०) १ कंवल या कपड़े से ढकी गाड़ी पास की। कूवरः कूलमुद्रुज (वि० ) तद ढहाने वाला। कूवेरी ) २ वह बाँस या लंबी लकड़ी जिसमें उषा | कूलमुह ( वि० ) नदीतट को ढहाने बोला । से जाने वाला। लगाया जाता है 1 कूर ( ज० भोजन | भात | क्रूरः ( पु० ) कूर्च: ( पु० ) ) १ मुठा मुदरी गट्ठर | २ मुट्ठी कुर्चम् ( न० ) ) भर कुश | ३ मोरपंख | ४ दादी । १ चुटकी ६ दोनों भौहों का मध्यभाग | ७ कूची। ८ जान छाल कपट ६ डींगे मारना । थक- बना] १० म्भ होंग। ( पु० ) १ सिर । २ भण्डारी । शीर्षः, -शेखरः, (पु० ) नारियल का बुद्ध । कृचिका (स्त्री०) १ चित्र लिखने की कुंची या पेंसिल २ कुंजी | ताली १३ कली। फूल ४ दुग्धविकार | ५ सुई । [ कूदना | उछलना कूर्द ( घा० उभय० ) [ कति, कूते, कूति] १ कर्दनम् (न० ) १ छलांग १२ खेल | क्रीड़ा । कूर्दनी (स्त्री० ) १ चैत्री पूर्णिमा को कामदेव सम्बन्धी उत्सव विशेष | २ चैत्री पूर्णिमा | कूर्पः ( पु० ) दोनों भौहों के बीच का स्थान । कूपर: ( पु० ) १ कोंदनी । २ घुटना कूष्मांड:, कूष्माण्ड: ( पु० ) कुम्हड़ा | कहा (स्त्री० ) कुहासा। कुहरा। कृ (धा० उभव०) [कृणोति कृणुतें] चोटिल करना घायलं करना मार डालना | [ करोति, कुरुते, कृत ] १ करना २ बनाना ३ किसी वस्तु को बनाकर तैयार करना। ४ मकान उठाना । सृष्टि करना। ५ उत्पन्न करना ६ तैयार करना। क्रम में करना । ७ लिखना। रचना करना।८ अनुष्ठान करना । १ कहना। निरूपण करना। १० पालन करना । आशा का पालन करना। तामील करना। ११ पूरा करना | समाप्त करना । १२ फेंकना । निकाल देना उद्देल देना १३ धारण करना | खेना १४ बोलना उच्चारण करना । १५ ऊपर रखना १६ सौंपना १७ भोजन बनाना १८ सोचना | विचारना ध्यान देना । १६ लेना । ग्रहण करना | २० शब्द करना | २१ व्यतीत करना। विताना। २२ फेरना | ध्यान किसी ओर आकर्षित करना २३ दूसरे के लिये नई काम