कारीशं ( [जैसे सांख्यकारिका]। ४ अत्याचार | ज़ुल्म ५ व्याज सूद । ६ अल्पाक्षरयुक्त और बहुअर्थवाची लोक | कारीशं ( न० ) अनेकंदों का ढेर | काह (वि० ) [ स्त्री० कारु, ] वाला। प्रतिनिधि | कारिंदा। नौकर | २ कापट: पु० ) १ आवेदनकी अर्जी देने वाला । प्रार्थी उम्मेदवार | २ चिथड़ा। लत्ता । ( पु० ) १ तीर्थयात्री २ तीर्थजलों को ढो कर आजीविका करने वाला २ तीर्थयात्रियों का एक दल ४ अनुभवी मनुष्य | पिषलगू | खुशामदी। " तथा व तंत्रवायच नापितो कस्तया । परमरचर्मकार फार नो 35 -चौरः, (पु०) पैदा लगाने वाला। सेंध फोड़ने | कार्पण्यम् ( न० ) १ धनहीनता | गरीबी १ २ अनु- वाला। डॉकू अः, ( पु० ) १ कल से बनी कोई वस्तु । कल का कोई भाग या कोई कल । २ कम्पा । दया। रहम। ३ कंजूसी। सूमपना | शक्ति- हीनता। निर्बलता | ४ इल्कापन | ओड़ापन | मन का हल्कापन | युवा हामी या हाथी का बचा । ३ ढीला | पहाड़ी | कार्यास (वि० ) [ स्त्री० --कासी ] रुई का धना " ४ फेन । ५ गेरू । ६ तिज । मस्सा | कारुणिक ( वि० ) [ स्त्री० कारुणिकी ] दयालु । कृपालु । हुआ । --अस्थि, (१० ) बिनौला । कपास का बीज । नासिका, ( स्त्री० ) तकुच्या | तकला। - सौत्रिक, (चि० ) कपास के सूत से बना हुआ। फठोरता । उदखता । | कार्पासः ( स० ) कार्पासं ( पु० )। कठोरता कार्यासिक (वि० ) [ को से बनी कारुण्यम् ( न० ) दया। रहम अनुकम्पा कार्कइयम् ( न० ) १ सप्रती २ वा ३ ठोंसपना ४ हृदय 1 संगदिली । कार्तवीर्यः (पु० ) हैहयराज कृतवीर्य का पुत्र उसको राजधानी माहिष्मती नगरी थी। इसको सहस्रबाडु या सहस्रार्जुन भी कहते हैं । कार्त्तस्वरम् ( न० ) सोना । सुवर्ण । हो । २ काग़ज़ कोई वस्तु स्त्री० --कार्पासिकी ] रुई कार्यासिका ) ( स्त्री० ) कपास का पौधा | का बना हुआ था कपाल से उत्पन्न । | कार्यासी कार्मण (वि० ) [ स्त्री० -कार्मग्री, ] किसी कार्य को पूरा करना किसी कार्य के सुधार रूप से 1 कुशल कारीगर । कारीगरों में गणना की हैं। कातिक कार्तान्तिक २२७ ) कर्ता | करने कार्य काम (वि० ) [स्त्री० ---कामी] 1 कीचड़ युक्त । कीचड़ में भरा या उससे सना २ कम प्रजा- पति सम्बन्धी । कला-कार्पटिकः इतनों ( पु० ) ज्योतिषी | भविष्यद्वक्ता | कार्तिक (वि० ) [ स्त्री० कार्तिकी, ] फार्तिक मास सम्बन्धी । कार्तिकः ( पु० ) १एक मास का नाम जिसकी पूर्ण- मासी के दिन चन्द्रमा कृतिका नक्षत्र में होता है। अथवा जिसकी पूर्णमासी के दिन कृत्तिका नक्षत्र होता है। २ स्कन्द की उपाधि । कार्तिकी ( स्त्री० ) कार्तिक मास की पूर्णमासी । कार्तिकेयः (५०) शिवपुत्र। स्कन्द | स्वामिकार्तिक । -प्रसूः, ( श्री० ) पार्वती देवी । स्कन्द की जननी । कायै ( न० ) सम्पूर्णता । समूचापन | करना । कार्मणं ( न० ) जादू | तंत्र विद्या | कार्मिक ( वि० ) [ स्त्री० कार्मिकी, ] १ निर्मित | बना हुआ | २ जरी का काम किया हुआ रंगबिरंगे सूतों से बिना हुआ। ३ रंग विरंगा | कार्मुक ( वि० ) [ स्त्री०-कार्मुकी, ] काम के योग्य काम करने लायक। किसी कार्य को सुचार रूप से पूर्ण करने वाला। कार्मुकम् ( न० ) : धनुष । कमान | २ बाँस । कार्य ( स० का० कृ० ) बना हुधा किया हुआ जो किया जाना चाहिये ।-अक्षम, ( वि० ) जो अपने कर्त्तव्य कार्य करने में असमर्थ हो । अयोग्य
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