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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२३

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J अजलिका अणुक जो बीच में गड्ढा सा बनता है उसे कहते हैं। इस अंजलि में जितना भावे उतना एक नाय। परिमाण विशेष :-कर्मन् (न० ) के लिये बनाया हुआ प्रकार | गुंबज ४ हाट बाज़ार | मंदी| प्रासाद । महल । विशाल भवन । प्रणाम। सम्मानसूचक सुद्रा-कारिका (स्त्री०) अट्टम् (न० ) भोज्य पदार्थ भात ।["अट्टला 35 मिट्टी की गुड़िया --पुटः (पु० ) - पुढं ( ० ) जनपदा महाभारतः )-"अट्ट धनं शूलं विक्रेयं येषां ते" नीलकगड | J दोनों हथेलियों को मिलाने से बना हुआ संपुढ ( स्त्री० ) १ सूपिका | चुहिया छोटा चूहा | २ अर्जुन के एक बाय अंजलिका अञ्जलिका ( १८ ) का नाम । अंजस अंजसी (वि० ) १ जो टेड़ा न हो । अंजीस अंजोसी | सीधा | २ ईमानदार सचा अंजसा | ( क्रि० वि०) १ सिधाई से २ सच्चाई से असा | ३ उचित रीति से ठीक तौर पर ४ शीघ्रता से | तुरन्त ताव से कृत(२०) | विनय से किया हुआ शीघ्रता से किया हुआ | संजिष्ठ:--अजि अशिष्ठ:--अजिष्णु सापड | } (पु० ) सूर्यं । भास्कर । | छाट (वि० ) घूमते हुए। अटनं ( न० ) घूमना | भ्रमण | गमन | अटनिः, अटनी ( स्त्री० ) धनुष का अक्रभाग | अढा (श्री०) भ्रमण करने का अभ्यास (जैसा परिवाजक किया करते हैं ) भ्रमण पर्यटन | अटरष घटरूपः } { पु० ) अडूसा । अरविः, अटी (खी० ) वन जंगल रविकः आठविकः ( पु० ) वनरखा | वन में काम करने वाला। अंजीर: (50) अंजीरं (म० ) ( स्वनामख्यात ग्रुप एवं फल अञ्जीरः (पु०) अखीर (न०) । विशेष | अँजीर । अटू ( धा० प० ) ( कभी कभी आत्मनेपदी भी होती | अणः (g०) ) 9 सुई की नोंक । है ) [ अति, अति ] घूमना फिरना । प्रणी (स्त्री०) ) की चाबी ३ सीमा हड़ का कोना । कः (०) अटा | महल । अट्टहासः ( पु० ) शोर की हँसी । कहकहा। खिल खिलाना | १ कम करना। घटना २ अनादर करना। अट्ट (वि०) १ ऊँचा | रवकारी | २ सतत | ३ शुष्क अहासकः ( पु० ) कुन्द पुष्प | अट्टहासिन् ( पु० ) शिव जी का नाम । श्रद्दाल, अद्दालकः ( पु० ) १ था । कोठा । २ दूसरी मंज़िल | ३ महत्त्व प्रासाद | अट्टालिका ( स्त्री० ) प्रासाद | ऊँचा भवन। कारः ( पु० ) राज | थवई । मैमार । अड् ( घा० पर० ) उद्यम करना। अडूनं ( ५० ) बाल | म् (न० ) अ (पु० ) १ अटा। अदारी । २ पत्र बुर्ज १२ आश्रय आधार आधार व्यय् (धा० पर० ) रव करना। श्वास लेना। अणक, अनक (वि०) बहुत छोटा तुच्छ । तिर- स्करणीय | अभागा । २ पहिये ४ घर अणु ( वि० ) [ श्री० - अग्रवी ] १ लेश । सूक्ष्म | परमाणु सम्बन्धी । अट्ट ( धा० श्रा० ) १ मारना | २ लांघना । (निज०) ः (पु०) नैयायिकों द्वारा स्वीकृत पदार्थ विशेष पदार्थों का मूल कारण २ चोना नाम से प्रसिद्ध श्रीहि विशेष ३ विष्णु का नाम ४ शिव अणिमन् (पु० ) अगुता, (स्त्री०) अन्वं ( न०) १ सूक्ष्मता २ शिवजी को आठ सिद्धियों में से एक श्रम ( स० ) १ छोटापन लघुता | २ अष्ट सिद्धियों में से एक। यसू ( वि० ) १ बहुत थोड़ा | २ बहुत छोटा | लघुत्तर | का नाम । (वि० ) अल्पतर | २ बहुत छोटा बड़ा सूक्ष्म बहुत मिहीन । ३ सीचय । ३