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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२२७

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कष्ट ( २२० -भागत, (वि०) कठिनाई से प्राप्त या कठिनाई से भाया हुआ -कर, (वि०) पीड़ाकारक | दुःखदायी।-तपस्, (वि० ) कठोर तप करने- वाला।साध्य, (वि) कठिनाई से पूरा होने- वाला । -स्थानं, (न० ) दूषित जगह । फठिनाई का या अप्रिय या प्रतिकूल स्थान | कथं ( ० ) १ष्ट | कठिनाई । विपत्ति | पीड़ा । दर्द | २ पाप | दुष्टता । ३ अड़चन | कष्टं (अव्यया० ) हा कष्ट । हा धिक। ऋष्टि (स्त्री०) १ जाँच परीक्षा | २ पीड़ा दुःख । कस् ( धा०प० ) [ कसति, कसित् ] हिलना। जाना। (आत्मने०) [ कस्ते या कंस्ते ] १ जाना। 4 २ नाश करना । मृगः (पु.) हिरन जिसकी नाभि से कस्तूरी निकलती है। कस्तुरिका ) (स्त्री०) मुरक । कस्तूरी कस्तूरिका वह कस्तूरी कल्हारं (न०) सफेद कमल कहः (पु०) एक प्रकार का वेत कांसोयं (न०) कांसा | फूल । धातु । कांस्य (वि०) काँसे या फूल का बना हुआ।-कारा, (पु०) कसेरा । कौंसे का बरतन बनाने वाला - तालः (पु०) झाँक | मजीरा। भाजनम् (न०) पीतल का पात्र]-मलं, (न०) कसाव | ताँबे का मोची। पितराई। कांस्यम् (न० ) कांस्यः (पु० ) कांस्यम् (न०) | काकिणिका ऐसा · छदिः, (पु०) १ खंजन पक्षी | २ जुल्फ | अलक | - जातः ( पु० ) कोकिल । -तालीय, (वि०) अचानक या इत्तिफाकिया होने वाली घटना - तालुकिन, (वि०) तिरस्करणीय। दुष्ट-दन्तः, ( पु० ) कौए के दाँत ( आलं० ) कोई वस्तु जिसका अस्तित्व असम्भव हो। अनहोनी बात । -दन्तगवेषणम्, ( न० ) ऐसी बात की खोज जो सर्वया असम्भव हो व्यर्थ का काम काम जिसके करने में कुछ भी लाभ न हो । ध्वजः, (१०) वाइवानख। -निद्रा, (खी० ) झपकी। जो तुरन्त दूर हो जाय -पक्षः, - पक्षकः, (पु० ) एक प्रकार की जुल्फे पट्टे 1 बालकों की दोनों कनपुटियों के लंबे वालों को काकपच कहते हैं। -पदं, (न० ) छूट का यह ( ू ) चिन्ह | [ हस्तलिखित पुस्तक या किसी लेख में जहाँ यह चिन्ह लगा हो वहाँ समझ ले कि यहाँ कुछ छूट गया है। ] - दः, (पु० ) स्त्री- समागम का विधान विशेष पुच्छ, पुष्ट, ( पु० ) कोकिल कोइल - पेय, ( वि० ) छिछला। उथला । —भीरुः, ( पु० ) उल्लू | उलूक। - यवः, (पु० ) अनाज की बाल जिसमें दाना न हो 1-रुतं, (न० ) कौए की काँव काँव जिससे भविष्यद् के शुभाशुभ का ज्ञान होता है। -वन्ध्या (स्त्री० ) वह स्त्री जिसके केवल एक हो सन्तान होता है। -स्वरा ( पु० ) कैाए की कर्णकर्कश बोली। १ फूल । काँसा । २ कसे का घड़ियाल ३ पीतल का बना जल पीने का पात्र। गिलास। काकं (न० ) काकसमुदाय | काकः (पु०) १ कौवा । २ (आलं०) तुच्छ जन | नोच, | काकी (स्त्री० ) मादा काथा । कौअटिया । निर्लज्ज या उद्धृत पुरुष ३ लंगड़ा आदमी। काकलः काकालः

} (पु० ) पहाड़ी काथा । काला फाक

कॉकलम् } (न० ) रत्नविशेष जो गर्दन में पहिना काकालम् जाता है। काकलिः ) ( स्त्री० ) १ धीमा मधुर स्वर । २ सीठी काकती जिससे चोर यह जानने का यत्न किया करते हैं कि, लोग जगते हैं या सोते हैं । ३ कैची ४ गुआ का भाड़ -रवः, ( पु० ) कोकिल । ४ जल में केवल लिर भिंगो कर (काक की तरह) स्नान करना)-- अतिगोलक न्याय, ( पु० ) कौए की एक ही आँख की पुतली दोनों नेत्रों में चली जाती है। इसी प्रकार उभय सम्बन्धी दृष्टान्त। -रिः (पु० ) उल्लू । उलूक - उदरः, (पु०) सौंप । - उलूकिका, - उलूकीयं, (न०) काक और उलूक का स्वाभाविक वैर। पंचतंत्र के तीसरे तंत्र का नाम “काकोलूकीयम्' है ।—विश्चा. ( स्त्री० ) गुआ या बुंधची का झाड़-दः- - ) काकिणी काकिणिका ) ( स्त्री० ) १ कौड़ी | २ सिक्का विशेष जो चौथाई पण या २०