पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२२४

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कलापक कलापकः ( पु० ) १ गट्ठा । गट्ठर | २ मोतियों की माला ३ हाथी के गले की रस्सी । ४ wreat या कमरबंद माथे पर का तिलक विशेष । कलापिन् ( पु० ) १ मोर | २ कोयल | ३ वटवृत्त | कलापिनी ( श्री० ) १ रात । २ चन्द्रमा | कलायः (go ) बीज विशेष | कलाविकः ( पु० ) मुर्गा कलाहकः ( पु० ) काहिली एक प्रकार का मुँह से बजाया जाने वाला बाजा । ( २१७ कलिः (५०)। लड़ाई | २ युद्ध | जंग | ३ चौथा युग यानी कलियुग। [ कलियुग ४१२००० वर्ष का होता है। यह १९०२ स्त्री० पू० वर्ष की म वीं फरवरी को लगा था ।] मूर्ति धारी कलियुग जिसने राजा नल को सताया था। ६ किसी श्रेणी का सर्वनिकृष्ट ७ विभीतिका वृत्त । बहेदा का पेड़८ पाँसे का यह पहल जिस पर अंकित - हो। ८ वीर शूर श्तीर। बाह्य (स्त्री०) कली। -कारः, कारकः, कियः, ( पु० ) भारद जी की उपाधि ।-द्रुमः, वृत्तः, (पु०) बहेड़े का पेड़। --युगं, (न० ) कलियुग | कलिका ) ( स्त्री० ) १ अनखिला फूल | बौड़ी | २ कलिः ) कला | धारी। अंश इकाई । कलिंगा: (पु० -बहुवचन ) देश विशेष और कलिङ्गाः ऽ उसमें बसने वाले लोग । वाममार्ग में इसकी सीमा का उल्लेख इस प्रकार पाया जाता है। जगार कृष्वनीराम्वगः मिये । सम्मोसोवामनार्यपरायः ॥ कलिंजः ? कलिअः ) (पु०) चटाई चिक प 1 कलित् (वि० ) गृहीत पकड़ा हुआ। लिया हुआ । कलिंदः ( (पु० ) १ पर्वत जिससे यमुना नदी निक- कलिन्दः । लती है| २ सूर्य (कन्या, आ - तनया, नन्दिनी ( स्त्री० ) यमुना नदी की उपाधियाँ -गिरः, (5०) स्वनाम प्रसिद्ध पर्वत । कलिल (वि० ) १ ढका हुआ भरा हुआ । २ मिला हुआ। ३ प्रभावान्वित | वशवर्ती अभेद्य कलिलम् (न० ) एक बड़ा ढेर। कलुष ( वि० ) १ मटीला। गंदला मैला खराय | २ छिलकादार दबा हुआ । भद्दा । ३ भरा 1 ) कल्पक: हुआ । १ कुछ | अमसन्न | उत्तेजित | २ दुष्ट | पापी बुरा ६ निष्ठुर तिरस्करदीय काला। धुंधला मैला । सुख काहित । अकर्मण्य । -योनिज, ( वि० ) वर्णसङ्कर । कलुषः ( पु० ) भैसा । महिष । कलु ( न० ) १ मैल । कूड़ा करकट फीचड़ २ पाप ३ क्रोध। रोप कलेवरः ( पु० ) ) शरीर | देह | वन । जिस्म । कलेवरम् (म० ) ) 1 कल्कः ( पु० ) ) १ घी या तेल की तलछट कॉइट। कल्कम् (न० ) 5 फीट २ लेही या लेही की तरह। चिपकने वाला कोई पदार्थ ३ मैल | कूदा | ४ विष्ठा । २ नीचता । कपट दम्भ ६ पाप । ७ पीसा हुआ चूर्ण कल्कफलः ( पु० ) अनार का पेढ़। कल्कनं (न० ) छलना प्रवचना मिथ्या झूठ । कलिः ) ( पु० ) भगवान् विष्णु का दसवाँ अथवा कल्किन् । अन्तिम अवतार। 1 कल्प (वि० ) १ साध्य होने योग्य | सम्भव २ उचित । ठीक योग्य २ निपुण द कल्पः ( पु० ) १ धर्मशास्त्र की आज्ञा आईन । आदेश । २ निर्दिष्ट नियम ऐच्छिक नियम । ३ प्रस्ताव सूचना निश्चय सङ्कल्प ४ पति । 1 ढंग तरीका विधान १५ प्रलय | ६ वह्मा जी का एक दिवस अथवा १००० युराव्यापी काल । ३७ बीमार की चिकित्सा | म छः वेदानों में से वेद का एक अङ्गअन्तः (=कल्पान्तः) (पु०) प्रलय काल | नाश ।-आदिः, (कल्पादिः । (पु०) सृष्टि के आरम्भ काल में सब वस्तुओं का पुनः निर्माण कारः, (पु०) फल्पसूत्र के निर्माता । -क्षयः, ( पु० ) प्रलय सर्वनाश-तकः- द्रुमः~-पादपः, वृक्षः, ( पु० ) स्वर्ग का एक वृक्ष विशेष | ( ग्रालं० ) उदार वस्तु पालः, (पु०) मद्य विक्रेता । - जता, (स्वी०) स्वर्गीय लता विशेष ।~-सूत्रं, (न०) ग्रन्थ विशेष जिसमें पद्धितियों का निरूपण है। कल्पकः, (पु० ) 1 रीति शास्त्रोक्त कर्म । २ नाई। नापित | -- लतिका, स० श० कौ० २८