पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२१०

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कठिन ( २०३ वाला अनाई। ४ उम्र प्रचण्ड २ पीवा- कारक कठिनः ( पु० ) वन | बेहद कठिना ( स्त्री० ) १ मिश्री या बुरे की बनी मिठाई विशेष । २ मिट्टी की हड़िया। कठिनिका ( सी० ) १ चाक | खड़िया मिट्टी | २ कठिनी } गुनिया | कनिटिका | कम् कण्ठम् अनाज की बाल ४ भुने हुए बेहुँथों का भोल्य पदार्थ विशेष | कणिका ( बी० ): अ छोटे से छोटा पदार्थ २ जलविन्दु । ३ अनाज विशेष | अनाज की बाल । कणिश: ( उ० ) कणिशम् ( न० ) कणीक (वि० ) छोटा नन्हा कठोर ( चि० ) १ फड़ा। ठोस । २ निर्दयी। कठोर | करो (अन्यवा० ) कामना पूर्ति व्यअक अन्यय । हृदय | दयाहीन | ३ पैनर तेज ( ४ पूरा कमेरा ) ( श्री० ) १ इथिनो २ रंडी वेश्या कग्रेसः पतुरिया । पूरा बढ़ा हुआ सम्पूर्ण । २ ( भालं० ) पक्षा संस्कारित साफ़ किया हुआ। कडू देखो कराड् । [ मूर्ख | कड ( वि० ) १ गंगा | २ ख्वा स्वर | ३ अज्ञान | कडंगर कडङ्गः ( पु० ) नृय । तिनका कडंकरः कडङ्करः 1 कडकरीय, कडङ्करीय) (वि०) तुम खाने वाला | कडंगरीय, कडङ्गेरीय) (गा, भैस आदि) । कडनं ( २० ) पात्र विशेष एक प्रकार का वर्तन । कर्डदिका, कडन्दिका (स्त्री०) फलण्डिका विज्ञान। कर्डवः, कडम्बः (go ) कलंबः, कलम्बः (पु० ) चंदुख । डंठा । 1 कडार (वि०) १ सवला | धौला । २ ठगना ३ क्रोधी अहंकारी घमंडी कड़वाज़ | कडारः ( पु० ) १ सांवला या धौला रंग। २ नौकर। 1 ) · कंटका, कण्टका (५०) ) १ कोटा । २ डंक ३ कंटकम्, कराटकम् ( म०) ) (आलं०) शासन या राज्य का कण्टक रूप व्यक्ति ४ व्याधि । क्वास । ५ रोमाज | ६ नख मोह । ७ मन दुखाने वाला भाषण । ( 50 ) १ बाँस २ कारखाना --- प्रशनः, -भक्षकः, (४०) - भुज्, (१०) उंद | -उद्धरणम् (म०) काँटा निकालना। (०) प्रिय या उत्पातकारी व्यक्ति या वस्तु को दूर करना)-प्रभुः ( पु० ) : कांटा। भावी । २ शारुमती बुख ~ मर्दनं, (४० ) उपद्रव दमन 1 - विशोधनम्, ( न० ) प्रत्येक दुःख- दाई श्रोत को नष्ट कर डालना । कंडकित् कण्डकित् } ( वि० ) १ कटीला | २ रोमाञ्चित । कडितलः ( पु० ) तलवार खांड़ा। का (घा० परस्मै० ) [कणति, कथित] १ कराहना । सिसकता २ छोटा होना। ३ जाना | ४ आँख | कपना | पलकों से आँखें मूंदना । कणः (पु०) १ धनाज २ ३ स्वरूप परिमाय । ४ रत्तीभर गई या धूल २ पानी की बूंद या फुहार ६ अनाज की बाल ७ आग का अङ्गारा। वः, -भक्षः, भुजू, (पु० ) अनुवाद अर्थात् वैशेषिक दर्शन के आविर्भावकर्ता का कुत्सित्कंठः, कण्ठः ( 50 ) नाम: - जीरकम्, (न० ) जीरा-भक्षकः | कंडम्, कण्ठम् ( न० 15 स्वर | आवाज । (पु०) पक्षी विशेष-लासः, (पु०) अँवर । कापः ( पु० ) भाला या साँग । काशः (अव्यया० ) थोड़ा थोड़ा बूंद बूंद करण कणिकः ( पु० ) अनाज का दाना २ अणु ३ १ गला | २ गर्दन । ३ [कया। का किनारा था गर्दन २ सामीप्य पड़ोस 1 आभरणम् (न० ) कंठा पाटिया तिलरी धादि गले का गहना 1- कूणिका ( स्त्री० ) बीबा । सारंगी (गत, ( वि० ) गये में प्राप्त । गले में स्थित गले में आया कंटकिन ) ( वि० ) १ कटीला | २दुःखदायी।-- कराटकिन् } फलः, ( पु० ) कटहल का वृक्ष कंडकिलः कराड किलः } (3० ) कँढीला बाँस । कंटू, कण्ठ् ) (धा० सय० ) [ फण्ठति, कण्ठते, कवठयति, कण्ठयते, फण्ठित ] शोक करना । स्यापा करना। चिन्तित होना। अभिलाषी होना। सखेद स्मरण करना।