( १९७ ) औत्सुक्य ( न० ) १ चिन्ता बेचैनी व्याकुलता । २ उत्कण्ठा उत्सुकता | श्रौदक ( दि० ) जलव । जल से उत्पन्न होने वाला । रसीला । जल सम्बन्धी । औदचन (वि० ) बाल्टी या घड़े में रखा हुआ | औदनिकः ( पु० ) रसोइया । औदरिक (वि० ) पेटू | मरभूका | भोजनभट्ट | औदर्य (वि० ) १ गर्भस्थित | २ गर्भ में प्रविष्ट । श्रौद श्वितं (न०) माठा जिसमें बराबर का पानी मिला हो । [ २ अर्धसम्पत्ति । श्रौदर्यम् ( न० ) १ उदारता। कुलीनता । बढ़प्पन । औदासीन्यम् ( न० ) ३१ उपेक्षा | उदासीनता । औदास्यम् ( न० ) ) निरपेक्षता | २ एकान्तता । ३ वैराग्य | श्रौदुस्वर (वि० ) गुलर की लकड़ी का बना हुआ। औदुम्बरः ( पु० ) वह प्रदेश जहाँ गूलर के वृक्षों का आधिक्य हो। श्रौटुम्बरी (स्त्री० ) गूलर के वृक्ष की डाली। औदुम्बरम् ( न० ) : गूलर के वृक्ष की लकड़ी। २ गूलर के फल। ताँबा । श्रौत्रम् ( न० ) उदाता का पद । श्रौद्वालकम् (न०) कहुआ एवं चरपरा पदार्थ विशेष । शिक (वि० ) [स्त्री०―― औद्देशिकी ] प्रकट करने वाला । निर्देश करने वाला। श्रौद्धत्यं ( न० ) १ उदण्डता अक्खड़पन उम्रता उजड़पन २ ता ढिठाई। ३ साहस | श्रौद्धारिक (वि० ) [ स्त्री०- प्रौद्धारिकी ] पैतृक सम्पत्ति से लिया हुआ । बँटवारे के योग्य । औपरिष्ट औषस्तिक) (पु० ) १ ग्रहण २ चन्द्र या सूर्य औपग्रहिकः । ग्रहण | अप्रधान | | औपचारिक ( वि० ) [ स्त्री० - औपचारिकी ] उपचार सम्बन्धी जो केवल कहने सुनने के लिये हो। बोलचाल का। जो यथार्थं न हो। गौण [घुटनों के समीप का | प्रौपजानुक ( वि० ) [ स्त्री०- औौपजानुकी ] यौपदेशिक (वि० ) [स्त्री० - औपदेशिकी] १ जो उपदेश से जीविका करता हो। जो पढ़ा कर अपना निर्वाह करता हो । २ उपदेश से प्राप्त । श्रौपधर्म्य (न०) १ मिथ्या सिद्धान्त | मतान्तर । २ अपकृष्ट धर्म अधर्म-धर्म-सिद्धान्त । औपाधिक (वि० ) [स्त्री०- श्रौपाधिकी] प्रपञ्ची । धोखेबाज छनी । कपटी । उपनयन सम्बन्धी | औषधेयं ( न० ) रथ का पहिया रथाङ्ग औपनार्यानिक ( वि० ) [ स्त्री०—–औपनायनिकी ] [धरोहर सम्बन्धी | औपनिधिक (वि० ) [ स्त्री०-औपनिधिकी ] औपनिधिकम् (न० ) धरोहर । अमानत । बंधक औपनिषद् (वि०) [स्त्री०-यौपनिषदी] १ उपनिषदों द्वारा जानने योग्य | वैदिक । ब्रह्मविद्या सम्बन्धी । २ उपनिषदों पर अवलम्बित । उपनिषदों से निकला हुआ । (न०) श्रोत का जल । २ सेंधा निमक। औदाहिक (वि०) [स्त्री० श्राहकी] : विवाह के समय मिली हुई वस्तु । २ विवाह सम्बन्धी । औद्राहिकम् ( न० ) स्त्री को विवाह के अवसर पर मिली हुई वस्तु । औधस्य ( म० ) थन से निकला हुआ दूध । औ ( न० ) उचाई उचान। औपक (चि० ) [ स्त्री० - औकर्णिकी ] कान के समीप वाला । औपकार्यम् ( न० ) १ बासा । २ खीमा । तंबू । चौपनिषदः (पु० ) : ब्रह्म । २ उपनिषदों के सिद्धान्त का अनुयायी या मानने वाला । औपनविक (दि०) [स्त्री० --औपनीविकी] नीवि के पास का। भोती की गाँठ के पास लगा हुआ । औपपत्तिक (वि० ) [ स्त्री० -- औपपत्तिकी ] १ तैयार | पहुँच के भीतर | २ योग्य | उपयुक्त | ३ कल्पनात्मक वाचनिक । औपमिक (वि० ) [स्त्री० –औपमिकी] १ उपमा के योग्य | तुलना के योग्य | २ उपमा से प्रदर्शित | औपम्यम् (वि० ) तुलना । समानता | सादृश्य | औपयिक (वि०) [स्त्री०——औषयिकी] १ उपयुक्त । योग्य | उचित । २ प्रयोग द्वारा प्राप्त । औपक (पु० उपाय । सदुपाय | प्रतीकार । प्रौपरिट (वि० ) [ स्त्री०- श्रौपरिष्टी] ऊपर का
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