पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१९८

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एक गुरु वाले। गुरु, गुरुकः ( पु० ) गुरुभाई | --चक्र, (वि० ) एकपहिया वाला-चक्रः ( पु० ) सूर्य का रथ। - चत्वारिंशत् ( श्री० ) ४१ / इकतालीस - चर ( वि० ) १ धकेला घूमने या रहने वाला | २ वह जिसके पास एक ही चाकर हो । ३ बिना सहायता लिये रहने वाला --चारिन् (वि०) चकेला । चारिणी (श्री०) पतिव्रता स्त्री-चित्त, (दि० ) केवल एक ही बात को सोचने वाला /- चित्तं, (न० ) एकमस्य | एकराय :-चेतस्, मनस्, (वि०) सर्वसम्मत/~-जन्मन्, (पु० ) १ राजा । २ शुद्ध |~जात (वि० ) एक हो माता पिता, से उत्पन्न। -जातिः, (स्त्री०) शूद्ध - जातीय, ( वि० ) एक ही वंश या कुल का - ज्योतिस, ( पु० ) शिव जी का नाम । -तान, ( वि० ) अत्यन्त दत्तचित्त!~~तालः, (पु० ) ऐक्य | सम- स्वर गान, नृत्य और वाद्य की सङ्गति सौर्यनिक -तीर्थिन, (वि० ) एक ही तीर्थ में स्नान करने वाले। एक ही सम्प्रदाय के (०) सहपाठी। गुरुभाई।-- त्रिंशत् ( स्त्री० ) ३१ | इकतीस ) -दंः, दन्तः. (५०) एक दाँस वाला अर्थात् गणेश जी-दण्डिन, (१०) संन्यासी भिक्षुक विशेष [ हारीतस्मृति में इनके चार भेद बतलाये गये हैं। १ कुटीचक २ बहूदक ३ हंस और ४ परमहंस। इनमें उत्तरोत्तर श्रेष्ठतर माने गये हैं।]-दृश-दृष्टिः, (पु०) 1 काना काक । २ शिव जी । ३ दार्शनिक - देव:, ( 5० ) 7 - परग्रहा। देशः, (पु०) : एक स्थान या जगह - 1 २ एक भाग या अंश। एक तरफ /-धर्मन,- धर्मिन, (वि०) एक ही प्रकार के एक ही वस्तु के बने हुए एक सम्प्रदाय वाले धुर धुरावह, ~~ धुरीण, (वि० ) केवल एक ही काम करने योग्य | २ एक ही जुए में जोते जाने योग्य नटः ( पु० ) किसी अभिनय का मुख्य पात्र। सूत्रधार।- नवतिः, (स्त्री० ) ६१ | इक्या- नवे पक्षः, (पु०) एक दल | एक थोर । -पत्नी (स्त्री०) १ सच्ची पत्नी | पतिव्रता पनी । २ सौत। --पदी (स्त्री० ) पगडंडी ।- पदे, - एक man ( अन्यया० ) सहसा अचानक -पाव ( पु० ) एक पैर विष्णु और शिव जी का नाम / पिङ्ग पिङ्गलः, ( पु० ) कुबेर का नाम /– पिण्ड, (वि० ) सपिचड 1- भार्या ( स्वी० ) पतित्रता स्त्री / - भार्थः, ( ५० ) केवल एक पक्षी रखने वाला 1-भाव, (वि०) सच्चा भक्त । ईमानदार । -यष्टिः, ( १० ) -यष्टिका (स्त्री०) इकलरा मोतीहार-योनि, (वि०) गर्भाशय सम्बन्धी एक ही वंश या जाति का - रसः, (पु० ) समान एक उङ्ग का। केवल एक रस - राजू,- राजः, ( पु० ) एक छत्र राजा - रात्रः, (पु०) ऐसी रस्म जो केवल एक ही रात में समाप्त हो जाय १- रिक्थिन्, ( पु० ) समान स्वत्वाधिकारी।- रूप, (वि० ) १ समान आकृति वाला एक ही ढङ्ग का(~-लिङ्गः, 1 1 + - - 3 १ वह शब्द जो समान लिङ्गवाची हो । २ कुबेर का नाम-वचनं, (न० ) एक संख्यावाची -वर्णः ( पु० ) एक जाति का वर्षका (सी० ) एक वर्ष की बचिया वाक्यता, ( स्त्री० ) सामअस्य । वारं, चारे, (पु० ) (अन्यथा० ) १ केवल एक बार २ तुरन्त अचानक सहसा । ३ एक बार एक मरतबा -विंशतिः, ( श्री० ) इक्कीस | २१ /-- विलोचन, (वि. ) एक आँख का काना। - विषयिन् (१०) प्रतिद्वन्द्वी -वीरः, (पु० ) एक प्रसिद्ध योद्धा येणः-वेणी (स्त्री० ) एक चोटी [जब पतिव्रता खियाँ पति से अलग हो जाती हैं. तब वे केशविन्यास न कर सब केशों को जोड़ बढोर कर उन सब की एक चोटी बना लेती है।] - शफः, (पु०) एक सुम वाले जानवर जैसे घोड़ा गधा आदि | -ङ्ग (वि० ) एक सींग वाला 1-शृङ्गः ( पु० ) १ गैड़ा | २ विष्णु का नाम :- शेषः, (पु० ) द्वन्द्व समास का एक भेद, जिसमें दो या तीन अथवा अधिक शब्दों का लेप कर एक ही शब्द रहे और वह अर्थ उन सब शब्दों का दे। जैसे पितरौ यहाँ पितरौ से अर्थ माता और पिता दोनों से है।-श्रुत, (वि० ) एक बार सुन्य हुआ। श्रुतिः (सी०)