ऊध्य (वि० ) १ सतर | सीधा ऊपर का । २ उठा हुआ। उभा हुआ सीधा खड़ा हुआ। ३ ऊख उत्कृष्ट | उच्चतर | 8 खड़ा हुआ (बैठे हुए का उल्टा ) २ टूटा हुआ। -कच. -केश, (वि० ) २ खड़े बालों वाला। -कचः, (पु० ) केतु का नाम । --फर्मन, (न०) - क्रिया, (स्त्री० ) ऊपर की ओर की गति । २ उच्चा स्थान प्राप्त करने के लिये किया गया कर्म (पु०) विष्णु का नाम । कायः, ( 50 ) -कायम्, (न० ) शरीर का ऊपर का भाग । –ग, गामिन, (वि० ) | ऊपर गमन चढ़ना । ऊँचा उठना । -गति, (वि०) ऊपर गमन । -गतिः, (स्त्री० ) -गसः, ऊवय ( श्री० ) उपजाऊ भूमि | -गमनं, (न० ) १ चढाई | ऊँचा | २ स्वर्ग | ऊलुपिन (न० ) सूंस | शिशुमार गमन | चरण, पाद, (वि० ) शरभ ~~ जानु, -, - शु। (वि० ) अकरू बैठा हुआ । घुटनों के बल बैठा हुआ!~~-नेत्र, (वि०) ऊपर देखने वाला | ( अलं० ) उच्चाभिलाषी । -दृधः ( स्त्री० ) योगदर्शन के अनुसार दृष्टिको भौंधों के मध्य भाग में टिकाने की क्रिया - ( 50 ) सूतक कर्म । -पातनम् (म० ) (जैसे पारे का ) शोधना। परिष्कार । - पात्रम्, (न०) यज्ञीयपात्र । -मुख, (वि० ) ऊपर को सुख किये हुए | ~मौहर्तिक, (वि० ) कुछ देर बाद होने वाला। -रेतस्, (वि० ) अपने वीर्य को कभी न गिराने वाला। स्त्री सम्भोग कभी न करने वाला ( पु० ) १ शिव । २ भीष्म - लोकः, ( ५० ) ऊपर का लोक । स्वर्ग/वर्मन्, ( पु० ) अन्तरित। - वातः, वायुः, (पु० ) शरीर के ऊपरी भाग में रहने वाला पवन । शायिन् (वि० ) चित्त सोने वाला ( पु० ) शिव का नाम -शोधनम्, ( न० ) वसन करने की किया (श्वासः ( पु० ) मृत्यु को प्राप्त होना । 1-स्थितिः, ( स्त्री० ) १ घोड़ा पालना २ घोड़े की पीठ ३ उन्नयन सर्वोत्कृष्टता | ( १८६ ) - ईम् ( न० ) उचान | उचाई । ( धन्यवा० ) 1 ऊपर की ओर २ अन्त में ३ तार स्वर में J ४ पीछे से बाद को। 1 - ऊर्मिः ( पु० सी० ) 1 लहर तरङ्ग २ धार । प्रवाह ! ३ प्रकाश । ४ गति। गति की दुतता । २ वह या किसी सिले कपड़े की प्लेट। पंक्ति वी रेखा | ७ दुःख | बेचैनी । चिन्ता । ~ मालिन्, सरंगमालाओं से विभूषित ( पु० ) समुद्र । ऊर्मिका (स्त्रो० ) १ तरङ्ग | २ अँगूठी | ३ खेद | शोक ( जो किसी वस्तु के खोने से उत्पन्न हो । ४ शहद की मक्खी या भर का गुजार ५ तह या प्लेट किसी सिले हुए वस्त्र की। ऊर्व ( वि० ) विस्तृत विशाल | ऊर्थः ( पु० ) वयानल | 1 ऊप् (धा० पर० ) [ ऊपति, ऊषित ] रोगी होना । गड़बड़ होना। बीमार होना। ऊपः ( पु० ) १ लुनही ज़मीन २ र ३ दरार | किरी | सन्धि ४ कान के भीतर का पोना भाग २ मलयागिरि ६ प्रातः काल प्रभात। ऊपकम् ( न० ) प्रभात। तड़का | भोर । ऊपणम् ( न० ) १ १ काली मिर्च | २ अदरक । ऊपणा (स्त्री० ) ) यादी । ऊपर ( वि० ) निमक या लोना मिला हुआ । ऊसर भूखण्ड जो लुनहा हो । ऊपरः ( पु० ) ऊपरम् ( न० ) ऊपवत् देखो " ऊपर।" ऊष्मः ( पु० ) १ गर्मी । २ ग्रीष्मऋतु । ऊष्मण ऊमय } (वि० ) गर्म | 1 1 1 ऊष्मन् ( 50 ) १ गर्मी । क्रोध | २ ग्रीष्मऋतु । ३ भाफ वाष्पोद्दम (मुँह से ) भाफ निकालना ४ उत्साप क्रोध अत्यासक्ति उग्रता | जबरदस्ती। श, ध्, स् और ड्। उपगमः, ( पु० ) ग्रीष्मऋतु का आगमन पः, ( पु० ) १ अनि । २ पितृगण विशेष | ऊहू ( भा० उमय ० ) [ अहति उहते, उहित ] १ टीपना | चिन्हित करना । थालोचना अनुमान करना । अटकल करना । २
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