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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१८३

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उपभोग 1 उपभताः ( पु० ) १ थानन्द भोजन आस्वादन | २ भोग विलास स्त्री के साथ सहवास व्यवहार का सुख उठाने वाला ४ सन्तोष चारहाइ । उपमंत्रयम् (न० ) सम्बोधन करने, निमंत्रण देने और दुलाने की क्रिया उममंथनी ) ( श्री०) भाग उफसाने की एक लकड़ी उपमन्थनी विशेष 1 उपमई (पु०) १ रगद घिन | निचोड़ | कुचलन २माथ। पर हत्या | ३ विकार भर्त्सना गाली। तिरस्कार युक्त वाक्य | ४ भुसी अलगाना । २ किसी लगाये हुए दोष का प्रतिवाद या खण्डन । उपमा (स्त्री०) १ समानता सादृश्य सुलना | २ पटतर । मिलान । ३ अर्यालद्वार जिसमें दो बस्तुओं में भेद रहते भी उनकी समानता दिख | खाई जाती है। उपमा ( स्त्री०) १ धाव दूधपिलाने वाली दाई । २ विल्कुल निकट का सम्बन्ध रखने वाली सी उपमानम् (न०) १ वह वस्तु जिससे उपमा दी जाय। समानता सूचक | २ न्याय में चार प्रमाणों में से एक । उपरा 1 ३ 1 1 उपयाजः ( पु० ) यश का अतिरिक्त विधान | उपयानम् (४०) समीप आगमन समीप आना। उपयुक्त ( ० ० ) अटका हुआ | २ योग्य टीक उपयुक्त उचित २ उपयोगी काम का उपयोगः ( पु० ) काम व्यवहार इस्तेमाल प्रयोग । २ औषधोपचार या दवाइयों का बनाना। योग्यता उपयुक्तता औचित्य ४ सामीप्य उपयोगिन् (चि०) व्यवहार में जाया हुआ। २ व्यवहार में लाने योग्य उपयोगी ॥ ३ योग्य उचित उपरक्त (३० कृ०) १ पीड़ित सम्बत २ ग्रस्त ३ रंगीण | रंगा हुआ। उपरक्तः (पु० ) राहु-केतु-मस्त चन्द्र सूर्य | उपरक्षः ( 50 ) शरीररसक ) उपरक्षणम् (ज० ) रक्षक | चौकी 1 उपरत (व० कृ०) १ बंद किया हुआ २ मरा हुआ। --कर्मन, (वि० ) सांसारिक कर्मों पर भरोसा न करने वाला। - स्पृह ( वि० ) समस्त काम- नाओं से शून्य संसार से विरुद्ध । उपरतिः ( स्त्री० ) : विरति | त्याग | विषय से विराग । २ खीसम्भोग से अरुचि ४ उदासी- 4 नवा | ५ मृत्यु | उपमितिः (स्त्री०) १ समानता। तुलना सादरव २ उपसा या सास्य से होने वाला ज्ञान उपमेय ( स० का० ऋ० ) पयर्थ वर्णनीय । तुलना करने योग्य | 1 उपरक्षं ( न०) साधारणरण श्रेष्ठ घटियारत । उपरमः 2 ( ५० ) १ निवृत्ति वैराग्य | स्याग ३ उपरामः मृत्यु [विराम उपमेयं ( न० ) उपमा के योग्य । जिसकी उपमा दी | उपरणम् (ज०) १ स्त्रीसम्भोग से विरति । २ उपयंत्र ( पु० ) पति । वैद्यक में पारे के समान गुरू करने 1 [आय। उपरसः (पु०) वाले रस २ स्वाद-विशेष गौण स्वाद। 1 उपयंत्रम् (२०) अरोही कर्म का एक छोटा थौज्ञार उपयमः ( पु० ) विवाह । परिक्षय | उपयमनम् (न० ) १ विवाह करना २ रोकना । संयम करना | ३ अभिस्थापन | वाले क्षणों में से उपयष्ट्र ( पु० ) १६ यज्ञ उपयाचक (वि० ) माँगने वाला । मँगवा प्रार्थी यावेदक उपयाचनम् (न० ) याचना प्रार्थना आवेदन उपयावित ( व० कृ० ) याचित । प्रार्थित । उपयाचितम् (न०) १ प्रार्थना निवेदन २ मनौती मानता । ३ किसी कार्य की सिद्धी के लिये देवी देवता से प्रार्थना करना । 1 उपरागः ( पु० ) १ सूर्य चन्द्र का ग्रहण २ राहु | ३ ललाई। लाल रंग रंग ४ विपत्ति स २ विकार | भर्त्सना | कुवाच्य | उपराजः ( पु० ) राजप्रतिनिधि। वाइसराय । उपरि (अन्य ) ऊपर चर, (वि० ) ऊपर चलने वाला (जैसे पक्षी 1) -तन, स्थ, (वि०) ऊपर का, ऊँचा--भागः, (पु०) उपरी हिस्सा ऊपर की ओर। -भूमिः, (स्त्री० ) ऊपर की ज़मीन । उपरिष्ठात (अव्यय० ) ऊपर ऊँचे पर धागे बाद को पीछे से पीछे। 1