पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१७७

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उदरु ( १७० ) उंद, उन्दरुः इंदुः, उन्दुरः उंदुरुः उन्दुरुः उंदूरुः उन्दूस ( पु० ) चूहा। घूँस | उन्नत ( ६० कृ० ) 19 उठा हुआ। ऊपर उठा हुआ। २ ऊंचा। लंचा। बड़ा विण्यात | ३ मौठा । भरा हुआ। धानत, ( चि० ) विषम | ऊचा नीचा फूला पिचका । -चरण, (वि० ) बेरोक बढ़ने और फैलने वाला 1 प्रवल । पिछले पैरों पर | खड़ा। -शिरस, (वि०) बड़ा अभिमानी । उन्नतः ( पु० ) अजगर । " 1 उन्नम्म्र (वि० ) १ सीधा सतर २ विशाल ऊंचा उन्नयः ) ( पु०) : ऊपर चढ़ना । ऊपर उठना । २ उन्नायः ऊंचाई। चढ़ाई।३ सादृश्य । समता । ४ घटकल । उन्नतम् (न० ) ऊंचाई | चढ़ाव | चदाई। उन्नतिः ( स्त्री० ) १ ऊंचाई | चड़ाव | २ वृद्धि समृद्धि । तरक्की । का नाम । बढ़ती।—ईशः, (पु०) गरुड़ जी | उम्मदः (पु० ) १ पागलपन । २ नशा | [ हुआ। मौटा। मरा हुआ। उन्नतिमत् ( वि० ) उठा हुआ । बाहिर निकला उनमनं (न० ) १ ऊपर उठाना ऊंचा चढ़ाना २ ऊंचाई। उन्मादन बहमी उचङ्गी मेतावेशित। कीर्ति, चेशः, ( पु० ) शिव जी का नाम 1-गङ्गम् (न० ) यह प्रदेश विशेष जहाँ गङ्गाजी का हरहराना प्रवल रूप से होता है । दर्शन, रूप, (वि० ) देखने में या शक्ल से पागल।-प्रलपित (वि०) नशे के झोंक में बातचीत | प्रजपितम् (न० ) - ४ सटकल दक्षस (वि० ) मौटी या ऊँची नाक याला । उनाद्ः (पु०) चिल्लाहट। गर्ज। गुआर पक्षियों की चहक या कूजन (मक्खियों की) भिनभिन्नाइट उन्नाम (वि०) तुंदीला। बड़े पेट का। जिसकी नाभि ऊंची उठी है। । पागल का कथन । उन्मतः ( पु० ) धतूरा | उम्मथनं (न० ) १ हिलाना दुखाना | पटक देना । गिरा देना २ मारा | बघ । हत्या । उन्मद ( वि० ) १ नशे में चूर सहमत्त २ पागल | मतवाला । आपे से बाहिर । डाँवाडोल | उशाहः (पु० ) १ नोक | गुमड़ा | २ बंधन | उन्नाहम् (न० ) चाँवल से बना हुआ पदार्थ विशेष | उभिद्र ( वि० ) 2 निहारहित । जागता हुआ | २ फैला हुआ पूरा फूला हुआ। कलियों से युक्त । उसेट (वि० ) उठा हुआ। ( पु० ) सोलह प्रकार के यज्ञ कराने वालों में से एक। उन्मज्जनम् ( न० ) पानी से बाहर निकलना । उन्मत्त ( वि० कृ० ) १ मदमाता | नशे में चूर २ पागल | सिड़ी | ३ अकदा हुआ। फूला हुआ। 1 उन्मदन ( वि० ) प्रेमासक। प्रेम में विह्वल । उन्मदिष्या (वि० ) 1 पागल २ मदमाता | नशे में चूर | उम्मनस ) (वि०) 1 उद्विग्न | विकल व्याकुल उन्मनस्के । बेचैन । २ मित्रविछोह से संतप्त । उन्मन्यः उन्नयनम् ( न० ) · ऊपर उठाना । २ ऊपर | उन्मंथनम् ) ( म० ) १ इत्या । बधू । चोटिल खींचकर पानी निकालना। ३ विचार विवाद करना । २ लकड़ी से पीटना । उन्मन्थनम् ३ क्षोभ । उद्वेग । उम्मदनं ( न० ) १ मलना । रगड़ना | दबाना | २ उन्मयूख (वि०) चमकीला चमकदार | [ उबटना। उन्माथः ( पु० ) १ पीड़ा कठ २ क्षोभ उद्वेग ३ हत्या वध ४ जाल फंदा । उन्माद (वि० ) १ पागल | सिड़ी । २ डाँवाढोल । उन्माद (पु० ) १ पागलपन सिद्धीपन २ बड़ी झाँझ या क्रोध ३ मानसिक रोग विशेष जिससे मन और बुद्धि का कार्यक्रम अस्तव्यस्त हो जाता है। (न०) इसके ३३ सन्चारी भावों में से एक जिसमें वियोगादि के कारण चित्त ठिकाने नहीं रहता ५ खिलना प्रस्फुटन । यथा- "उन्माद] [वीय पद्मशास् 11 ३ उत्सुक | लालायित । अधीरजी । उन्मनायते ( क्रि० ) वेचैन होना। मन का व्याकुल [ होना। ) (पु० ) १ विकलता । २ हत्या | वय | उन्मेधः साहित्यदर्पण | उन्मादन (वि० ) पागल नशे में चूर