उद्दाम उद्दाम ( वि० ) १ बन्धनरहित । मुक्त। स्वतंत्र | २ बलवान । शक्तिशाली मद में चूर मदमाता । नशे में चूर | ३ भयानक ४ स्वेच्छाचारी | ५ बहुत बढ़ने वाला। बड़ा । महान् । अत्यधिक । उद्दामः ( पु० ) वरुणदेव का नाम ! उद्दानं (अव्यय०) मज़बूती से । भयङ्करता से । उद्दालकम् (न०) एक प्रकार का मधु या शहद उद्दित (वि०) बंधनयुक्त | बंधा हुआ । उद्दिष्टम् (व० कृ०) १ वर्णित | कथित। २ विशेष रूप से कहा हुआ । ३ व्याख्या किया हुआ | सिखलाया | हुआ। उद्दीपः ( 50 ) १ वहन | जलन । प्रकाशन | २ दहन. कारी । जलानेवाला । [प्रकाशक । उद्दीपक ( वि० ) १ भड़काने वाला । २ दहनकारी । उद्दीपनम् ( न० ) १ उत्तेजित करने की क्रिया | २ उत्तेजित करने वाला पदार्थ | ३ थलङ्कार शास्त्र के वे विभाव जो रस को उत्तेजित करते हैं। ४ रोशनी करना । प्रकाश करना । ५ देह को भस्म करना या जलाना । उद्दीम (वि० ) दहकता हुआ। जलता हुआ । उद्दत ( वि० ) अभिमानी । घमंडी । उद्देशः ( म० ) १ वर्णन। सविशेष विवरण १३ उदाहरण | दृष्टान्त द्वारा प्रदर्शन | व्याख्या | ४ खोज । अनुसन्धान । सहकीकात । ५ संक्षिप्त विव रण । ६ निर्देशपत्र । ७ शर्तें । इकरार | हेतु। कारण । १ स्थान । जगह । १० मतलब | अभि | ( १६७ ) प्राय । उद्देशकः ( पु० ) १ उदाहरण | २ ( अङ्कगणित में ) प्रश्न । कठिन प्रश्न | कूद मन । उद्देश्य ( स० का० कृ० ) व्याख्यान करने को । उद्देश्य ( न० ) १ अभिप्रेत अर्थ | वह वस्तु जिसको लक्ष्य में रख कर कोई बात कही जाय। वह वस्तु जो किसी कार्य में प्रवृत्त करे । २ विधेय का उल्टा। विशेष्य । [भाग। अध्याय । पर्व । काण्ड । उद्योतः ( पु० ) १ चमक | आब | २ ग्रन्थ का उद्भावः ( पु० ) पीछे हटना TI उद्धत (व० कृ० ) १ उठा हुआ । उठाया हुआ | २ अत्यधिक बहुत अधिक। ३ । घमंडी उजुर ४ सख्त २ व्याकुल उद्विग्न ६ विशाल । महान | गौरव युक्त | गंवारू | बद- तमीज्ञ 1-मनसू मनस्क (वि०) उच्चाशय । अक्खड़ | उद्धतः ( पु० ) राजा का पहलवान । राजमल्ल ! उद्धतिः (स्त्री० ) १ ऊंचाई | २ अभिमान | घमंद । ३ गौरव । ४ श्राघात । महार। [दम फूलना। उद्धमः ( पु० ) १ वजाना। फूकना । २ सांस लेना । उद्धरणम् (२० ) १ खींचना | उतारना । २ खींच कर निकालना | ३ चुड़ाना | ४ नामोनिशान मिटाना। ५ ऊपर उठाना । ६ वमन करना | ७ मुक्ति । मोच ८ ऋण से उऋण होना। उद्धर्तृ ) (वि०) १ ऊपर उठानेवाला। ऊंचा करने उद्धारक वाला २ भागीदार | साझीदार उद्धर्ष (त्रि० ) हर्षित | प्रसन्न | उद्धर्षः (पु०) १ बड़ी भारी प्रसन्नता । २ किसी कार्य को आरम्भ करने का साहस ३ त्योहार पर्व । उद्धर्षणम् ( न० ) उस्साहवर्द्धन | जान डालना | २ रोमाञ्च | शरीर के रौंगटों का खड़ा होना। उद्धवः ( पु० ) १ यज्ञाग्नि । २ उत्सव | पर्व ३ एक यादव का नाम जो श्रीकृष्ण का मित्र था। उद्धस्त ( वि० ) हाथ बढ़ाये या उठाये हुए । [छाँट उद्धानम् ( न० ) १ यज्ञकुण्ड | २ उगाल । वमन । उद्धांत ) ( वि० ) उगला हुआ। छाँट किया हुआ। [गया हो । उद्धांतः ) ( पु० ) हाथी जिसका मद चूना बन्द हो उद्धान्त उद्धान्तः उद्धार (पु०) १ मुक्ति | छुटकारा । नाय । विस्तार | २ ऊपर उठाना । ३ सम्पत्ति का वह भाग, जो बरा- बर बाँटने के लिये अलग कर लिया जाय । ४ युद्ध की लूट का ६वाँ भाग जो राजा का होता है।५ ॠण । ६ सम्पत्ति की पुनः प्राप्ति । ७ मोच । नैसर्गिक आनन्द । उद्धारणम् ( न० ) १ निकालना । ऊपर उठाना । २ बचाना (किसी सङ्कट से ) उबारना । उडर (वि०) १ असंयत । अनरुद्ध । स्वतंत्र। २ दृढ़ । निडर । ३ भारी परिपूर्ण ४ गाड़ा । सघन । ५ योग्य |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१७४
दिखावट