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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१७३

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उद्गतिः तेः ( स्त्री० ) १ उठान | उगना चढ़ाव | चढ़ाई। २ निकास | उद्गमस्थान ३ ३ चमन । छाँट न्ध ( वि० ) १ खुशबूदार | २ उम्रगन्ध वाला। ( १ | आविर्भाव उत्पत्ति का स्थान। निकास खड़े होना जैसे उडवम् } ( वि० ) गर्दन उठाए हुए। रोमोदुमः | ३ बाहिर जाना। प्रस्थान ४ उत्पत्ति- | उद्धः ( पु० ) १ उत्तमता । प्रधानता | २ प्रसन्नता सृष्टि । ५ उचाई । उच्च स्थान | ६ पौधे का हर्ष | ३ अन्जुलि | ४ अग्नि | 4 आदर्श । नमूना अँखुआ । ७ वमन । छांट। उगलन । मनम् (न०) उदय। थाविर्भाव । मनीय (वि० ) चढ़ा हुआ। ऊपर गया हुआ। मनीयम् (न- ) धुले हुए कपड़े का जोड़ा। गढ़ (वि० ) गहरा । सघन । अत्यन्त | बहुत | म् ( न० ) अत्यन्त अधिकता । (अन्य ) अधिकाई अत्यन्तता से। से दारिन (वि०) १ ऊपर गया हुआ | उठा हुआ । २ • निकला हुआ। बाहिर आया हुआ | हरणम् ( न० ) १ छ । चमन | २ लार | राल | ३ डकार । ४ उखाड़ पछाड़ | उद्दानम् हुआ | २ ले जाया हुआ | ३ सर्वोत्तम | ४ रखा हुआ। सौंपा हुआ। ५ बंधा हुआ। कसा हुआ। ७ स्मरण किया हुआ | उद्घटनम् ( न० ) उन (स्त्री० ) ) रगड़ | ताड़न | उद्वर्षाम् (न०) १ रगड़न | २ सोठा | डंडा | लठ्ठ | उद्घाट: ( पु० ) चौकी | वह स्थान जहाँ चौकी रहे । उद्घाटकः ( पु० ) १ चाबी | कुंजी | २ कुए पर उद्घाटकम् ( न० ) 5 की रस्सी और डोल। उद्घाटन (वि० ) खोलना । साला खोलना । [ करने वाला। सामवेद का गान तृ ( पु० ) उड़ाता यज्ञ में दारः ( पु० ) : उबाल । उफान | २ वमन | छाँट उड्डानम् ( न० ) १ खोलना । उधारमा १२ प्रकट ३ थूक | खखार ४ ढकार ! करना प्रकाशित करना। ३ उठाना। ४ चाबी | कुंजी। कुएँ की रस्सी और डोल। गिरी। चरखी। उद्धातः ( पु० ) १ श्रारम्भ प्रारम्भ २ हवाला । सङ्केत ३ ताड़न चोटिल करना ४ महार धाव ५ हिलन डुलन । झटका; जो गाड़ी में बैठने पर लगता है। ६ उठान | उचान | ७ लाठी मूंगरी | ८ हथियार | ६ अध्याय । सर्वं । उदोष: (पु०) : घोषण | घोषणा । डिँढारा। २ सार्व- जनिक रिपोर्ट । हीतिः ( स्त्री० ) १ उच्चस्वर का गान । २ सामगान | ३ छन्द विशेष | [ ३ ओंकार | परग्रहा। लोधः (१०) १ सामगान । २ सामवेद का दूसरा भाग। (वि० ) १ चमन किया हुआ | उगला हुआ २ उडेला हुआ। बाहिर निकाला हुआ । हूर्ण (वि० ) उठा हुआ) ऊपर उठाया हुआ | बुंधः } (पु० ) अध्याय । परिच्छेद । इंथि । शरीरस्थित वायु विशेष उद्धनः ( पु० ) बढ़ई का पीढ़ा। उद्देशः ( पु० ) : खटमल | २ चिलुआ | ३ मच्छर | उदण्ड ( वि० ) १ डैंटुल सहित । २ डंडा उठाए हुए । भयानक 1-पालः, ( पु० ) दण्डविधानकर्ता या दण्ड देने वाला २ मत्स्य विशेष | ३ सर्प विशेष । उद्दंतुर ) (वि०) १ बड़े दाँतों वाला या वह जिसके उद्दन्तुर । दाँत आगे निकले हों। २ ऊंचा | लंबा । ३ (वि०) सम्मिलित 1 मिला हुआ । जुड़ा हुआ। धर्मानुष्ठान दुहः ( पु० ) } १ उठाना । ऊपर करना।२ दहणम् (न० ) ऽ ऐसा कार्य जो अथवा अन्य किसी अनुष्ठान से पूरा हो सके । | उद्दांत ३ डकार । [ प्रतिवाद | | उद्दान्त दाहः (पु०) १ उन्नयन | उठालेना | २ प्रत्युत्तर । हणिका (स्त्री० ) वादी का जवाब । प्रतिवाद | दाहित ( ब० कृ० ) १ उठाया हुआ। ऊपर किया भयकर । } ? ( वि० ) १ बीर्यवान | प्रथल । विनीत । उद्दानम् ( न० ) १ बंधन | बन्दीग्रह । २ पालतू बनाना। वश में करना ३ मध्यभाग | कटि कमर । ४ अग्निकुण्ड | ५ वादवान ।