पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१५

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घ+ प्रायुस् अग्रिम ( वि० ) १ अगाऊ | पेशगी | २ आगे आनेवाला । सब से आगे का मुख्य । ३ ज्येष्ठ । अग्रिमः ( पु० ) ज्येष्ठ भ्राता | अप्रिय (वि० ) सब से आगे वाला । अप्रियः (पु० ) ज्येष्ठत्राता। अग्रीय ( वि० ) आगे होने वाला। मुख्य अ (स्त्री० ) उँगली । ७ अग्रे ( क्रि० वि० ) १ सामने आगे ( समय और स्थान सम्बन्धी । ) २ उपस्थिति में ३ पीछे से । यथा "एवमग्रे कथयति ।" "एवमग्रेऽपि श्रोतव्यं ।” ( ४ ) सर्वप्रथम ( अन्य की अपेक्षा ) । प्रथम | अगः, अगू: ( पु०) नेता | पेशवा । अदधिषुः, अदधिष: ( पु० ) माह्मण, क्षत्रिय अथवा वैश्य जाति का वह मनुष्य जो किसी विवाहिता स्त्री के साथ विवाह करता है। व्यग्रत कः, - अरणीकः ( पु० ) अनोकं, – प्रणीकम् ( न० ) सेना के आगे आगे चलने वाली घुड़सवार सैनिकों की टोली श्रासनं (स) (न०) प्रधान बैठकी। सब से ऊँची बैठकी। करः (50) हाथ का अगला भाग या हाथी की सूंड की नोंक। दहिना हाथ हाथ की उँगुलिया। --गः (१०) १ नेता | २ रहनुमा । मार्ग- दर्शक 1---गण्य ( वि० ) प्रधान | मुखिया | | जिसकी गिनती प्रथम की जाय। बड़ा श्रेष्ठ -ज (वि० ) प्रथमउत्पन्न --जः ( पु० ) बड़ा भाई । २ ब्राह्मण 1-जा ( स्त्री० ) बड़ी बहिन ।—जात, जातक, आति. - जन्मन् ( पु०) : प्रथम जम्मा हुआ। बड़ा भाई | २ ब्राह्मण । -जिह्वा ( स्त्री० ) जीभ की नोंक दानिन् (५०) पतित ब्राह्मण जो मृतक-कर्म में दान लेता है। - दूतः (पु०) आगे जानेवाला दूत । हल्कारा/- तस् ( अव्यया० ) सामने । पहिले - नीः या णीः ( पु० ) अगुआ । श्रेष्ठ प्रधान - पादः ( पु० ) पैर की उँगुलि 1- पाणि: ( पु० ) दहिना हाथ | - पूजा (स्त्री० ) सर्वोत्कृष्ट सम्मान | -पेयं ( न० ) पान करने में पूर्ववर्तिता। किसी पेय वस्तु को पीने में सर्वप्रथमता या प्रधानत्व - भागः ( पु० ) १ प्रथम या श्रेष्ठ भाग ३२ अवशिष्ट शेष बचा हुआ | ३ नोंक | छोर | -भागिन् ( वि० ) प्रथम पाने वाला। -भूमिः ( स्त्री० ) उद्देश्य | लक्ष्य । --मांस ( न० ) हृदय का माँस । हृविण्ढ । — यायिन् (वि० ) आगे चलने वाला । -योधिन् ( पु० ) मुख्य योद्धा । प्रधान लड़ने वाला।—सन्धानी स्त्री०) अधू यमराज के दफ़्तर का वह खाता जिसमें प्राणियों । ४ अशैाच सूतक । अपवित्रता | ५ मुख्य। दुःख । के पाप पुण्य लिखे जाते हैं । - सन्ध्या (स्त्री०) प्रातः | ग्रघं (न० ) १ पाप । २ दुष्कर्म अपराध । जुर्मं। सन्ध्या /-सर (वि० ) आगे चलने वाला /- ३ व्यसन हः ( पु० ) अविवाहित जिसके स्त्री न हो। - हायन: ( पु० ) हायणः (पु० ) वर्ष के आरम्भ का मास मार्गशीर्ष मास। अगहन का महीना - हारः (पु०) राजा की ब्राह्मणों को दी हुई भूमि । तः ( क्रि० वि० ) सामने । पूर्व । आगे । २ उप- स्थिति में । ३ प्रथम । -सरः ( पु०) नेता । पेशवा । | घः (पु० ) बकासुर और पुतना के भाई एक असुर का नाम यह कंस की सेना का प्रधान सेना- ध्यक्ष था। अघ + अहः (ग्रहन्) (पु०) अशौचदिन । अपवित्र दिन अघ + आयुस् (चि० ) पापमय जीवन वाला । अमेदिधिषूः ( स्त्री० ) "ज्येष्ठायां यद्मनुढायां कण्यायमुझतेऽनुजा | मायादिपिया पूर्वा व दिधिवः स्मृता ॥ " अर्थात् वह स्त्री जिसका स्वयं तो विवाह हो गया हो, किन्तु उसकी बड़ी बहिन अविवाहिता हो । अग्रेपतिः (पु०) ऐसी स्त्री का पति । प्रग्रेवनं, अग्रेवणं ( न० ) वन की सीमा बन का प्रान्त । अग्रेसर (वि०) अग्रगामी पुरोगामी । आगे चलने वाला । प्राय (वि० ) सब से आगे सर्वोत्कृष्ट सर्वोत्तम । सर्वोच्च । सर्वप्रथम अयः ( पु० ) जेष्ठ भ्राता | जेठा भाई । अंधू ( धा० उ० ) भूल करना । पाप करना । अनुचित करना ।