पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१३१

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आसारिक प्रतिष्ठित व्यक्ति के ऊपर बरसायी जाती है~ (उसके प्रति सम्मान प्रदर्शनार्थं ।) - वेदी (स्त्री० ) आर्यावर्त देश का नाम । [ से समर्थित । आचारिक (वि० ) ग्रामाणिक पद्धति या नियम आचार्य: (पु० ) १ (साधारणतः ) शिक्षक या गुरु | आाजानः ( पु० ) उत्पत्ति । जन्म । श्राजानम् ( न० ) उत्पत्ति स्थान | जन्मस्थान | आजानेय (वि० ) [ स्त्री० - प्राजानेयी ] अच्छी जाति का ( जैसे घोड़ा)। २ निर्भीक । निर्भय प्राजानेयः (पु०) अच्छी जाति का घोड़ा। ग्राजिः ( पु० ) १ युद्ध | लड़ाई | २ रणक्षेत्र | आजीवः (पु० ) 9 आजीवनम् ( 5० }}३ आजीविका । २ पेशा। आजीवः (पु० ) जैनी भिक्षुक २ उपनयनसंस्कार के समय गायत्री मंत्र का उपदेश देने वाला ३ गुरु | वेद पढ़ाने वाला ४ जब यह किसी के नाम के पूर्व लगता है (यथा आचार्य वासुदेव ) तब इसका अर्थ होता है, विद्वान्, पण्डित । अंगरेज़ी के “डाक्टर" शब्द यह प्रायः समानार्थवाची शब्द भी है। - मिश्र, ( वि० ) माननीय पूज्य आचार्यकं ( न० ) १ शिक्षा | पाठन पढ़ाना । २ श्राध्यात्मिक गुरु का गुरुव प्राचार्यांनी (स्त्री० ) अचार्य की पत्नी । का आजीविका ( न० ) पेशा। आजीविका का उपाय आजुर्, आजू (स्त्री० ) १ विना पारिश्रमिक काम करना । २ नौकर जो वेतन लिये बिना काम करे। नरक ही में रहना जिसके भाग्य में बढ़ा है। ● आचित (व० कृ० ) १ परिपूरित | भरा हुआ । लदा | आज्ञप्तिः ( स्त्री० ) चाज्ञा | आदेश । हुक्म । हुआ ! ढका हुआ | २ बेधा हुआ | श्रोतप्रोत | ३ सञ्चित | एकत्रित किया हुआ। प्रचितः ( पु० ) गाड़ी भर बोक ( न० भी है ) | दस गाड़ी भर की तौल, अर्थात् ८० हज़ार तोला । [ सिंघी लगाना । श्राप (न०) १ चूसना । २ चूस कर उगल देना। आच्छाद] ( पु० ) कपड़े । सिले कपड़े । आच्छादनं ( ० ) १ ढकने वाली वस्तु । चादर आज्ञा (स्त्री० ) १ आदेश । हुक्म | २ अनुमति इजाजत ।-अनुग, अनुगामिन, अनुया यिन, अनुवर्तन, अनुसारिन, सम्पा दक, वह (वि० ) आज्ञाकारी । फर्मावदार । ज्ञापनम् (न० ) १ आज्ञा | हुक्म १२ प्रकट- पत्र | लकड़ी की छत । चह्न | २ कपड़े। सिने कपड़े | छत में लगी हुई | [जलन पैदा करता हुआ | धारित ( वि० ) १ मिश्रित १२ खुरचा हुआ। आच्छुरितं ( न० ) नखवाय। नखों को एक दूसरे पर रगड़ कर बाजे की तरह बजाने की क्रिया | २ अट्टहास्य | रकम् ( न० ) १ नाखून का खरोंचा। नोंह की खरोच | २ अट्टहास्य । आच्छेदः ( पु० ) १ काटना । नश्तर लगाना । आच्छेदनम् ( न० ) १ २ ज़रा सा काटना । आच्छोटनम् (न० ) उँगलियाँ चटकाना । आच्छादनम् ( न० ) शिकार | आखेट। मृगया। आजकं ( न० ) बकरों का कुंड भाजगवम् (न०) शिव जी का धनुष टि प्रजननम् ( न० ) कुलीनता । उच्चवंशोद्भवता । प्रसिद्ध कुल या वंश | आज्यं ( न० ) घी 1 - पात्रं, (न० ) स्थाली, ( स्त्री० ) वर्तन जिसमें घी रखा जाय। -भुज् ( पु० ) १ अग्नि का नाम । २ देवता । भांचनम् (न० ) शरीर से कांटे या सीर को थोड़ा सा खींच कर निकालने की क्रिया । आं ( धा०प० ) [ भांति ) १ लंबा करना बढ़ाना । २ ठीक करना । बैठाना । ( जैसे हड्डी का ) आंम् (न० ) ( हड्डी या टांग को ) बराबर या ठीक करना या बैठाना आंजनम् ( न० ) अंजन आंजनः श्रांजनेयः S ) ( पु० ) हनुमान जी का नाम । टविकः ( पु० ) १ बनरखा | २ अग्रगन्ता | ध्याटि: ( पु० स्त्री० ) पक्षी विशेष | शरारि । [इसका "आटि" भी रूप होता है।]