पृष्ठम्:श्रीवेङ्कटेशाष्टोत्तरसहस्रनाम.pdf/56

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॥ श्रीर्वेकटेशसहस्रनामावलि प्रारम्भः॥ iSSMSLLMLeLLYMM LLLLqLeMeeLSLSqSqTSTS ओों श्रीवेङ्कटेशाय नमः ओों भरिष्णुकाय नम: विरूपाक्षाय s कालयन्त्रे 'y विश्वेशाय कालगोपत्रे विश्वभावनाय *喀 वल विश्वसूजे s वष्य yX विश्वसंहत्र अखिलाय विश्वप्राणाय ys कालगम्याय विराडुपुष्षे ঘাটালহ্ম্যতামনচয়াম s शेषाद्विनिलयाय s कालकलेश्वराय sy अशेषभक्तदुःखप्रणाशनाय १० शम्भवे 分努 शेषस्तुत्याय स्वयम्भुवे शोषशायिने अम्भोजना भयो s विशेषज्ञाय स्तम्भितवारिधये विभव ን } अम्भोधिनन्दिनीजानये : स्वभुवे * शोणाम्भोजपदप्रभाय , विष्णवेि 9. कम्बुग्रीवाय y जिष्णवे s शम्बरारिरूपाय वधिष्णवें शम्बरजेक्षणाय sy उत्सहिष्णवे * * बिम्बाधराय सहिष्णुकाय , २० बिम्बरूपिणे, 穷努 মাতিলন্তবদল 3. प्रतिबिम्बक्रियातिगाय ', ग्रसिष्णवे 梦弊 गुणवते वतिष्णवे s गुणगम्याय 39