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श्रीललितासहस्रनामावलिः
सर्वतन्त्रैर्ये | चण्डमुण्डासुरनिघूदियो |
दक्षिणामू तक्षपिष्यं | क्षराक्षरात्मिकायै |
सनकादिसमार ईमयं | सर्वलोकेश्यं |
शिवक्ज्ञाग्न्नप्रदयिन्यै | विश्वधरिष्ठं |
चित्कलायै | ऑ-४ त्रिवर्गदाक्ष्यं |
आनन्दकलिकायै | ओं•४ सुभ मायं |
प्रेमरूपायै | त्र्यम्बकायै |
ओं प्रिय | त्रिगुणात्मकायें |
नमपारायणीतर्षेि | स्वर्गापवर्गदये |
नन्दिविद्ययं | शहूय |
नेटवर्षे | जषाणुष्पनिभाकृत्यं |
मिथ्याजगदर्चिष्ठनायै | आजवरचे |
मुक्तिदाये | छतधरथं |
मुक्तिरूपिण्यै | यज्ञरूपये |
लास्यप्रियायै | अ• प्रियंव्रतयं |
लयकर्यै | अ-४ दुराराध्याय |
औ-४ लज्जये | दुराधर्षयिं |
ऑ•४ रम्भादिवन्दितायं | पाटलीकुसुमप्रियायं |
भवदावसुधाधृष्टघ | महत्य |
पपारयदवानलाभं | मेहनिलयायै |
दौर्भाग्यतून वातूलार्षे | मन्दारकुसुमप्रियायै |
जरातरावप्रभाय | वीराराध्यप्री |
भाग्यान्धिचन्द्रिकायै | विराड़ पायें |
भक्तचितकेकघनाघनाएँ | विरजसे |
रोगपर्वतदम्भोमये | ऑ४ विश्वतोमुख्यं |
मृत्यूदारुकुटीरिकायं | ओं ४ भयग्रपाय |
अ-४ महेश्वर्यं | पराकाशथि |
ओं-४ महाकाल्यै | प्रणदार्थों |
महाग्रहायं | प्राणरूपिण्यं |
महाशनायै | मातडभैरवराध्यायं |
अपर्णायै | मत्रिणीन्यस्तराज्यधुरे |
चण्डिकायै | त्रिपुरेश्यं |
1. अजपायं पुष्पनिभाकृतये