पृष्ठम्:वैशेषिकदर्शनम्.djvu/१३८

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'वैशेषिक-दर्शन ।
  • , स-प्रश्न-जैसे क्रम से होने के कारण इवतता ज्ञान कारण और

इवत ज्ञान कार्य है, वैसे जहां क्रम से घट ज्ञान के पीछे पटज्ञान हुआ, वहां भी क्या घट ज्ञान और पटलान का कार्यकारणभाव होता है? इस माशंका का उत्तर देते हैं

द्रव्येष्वनितरेतर कारणाः ॥ १० ॥

द्रव्यों में (ज्ञान) एक दूसरे के कारण वाले नहीं होते। “च्या- जो क्रम से घट पट आदे ज्ञान होते हैं, इन में पहला ज्ञान दूसरे का कारण इन होता, क्योंकि

कारण यौगपद्यात् कारणक्रमाच घटपटादि बुद्धीनां क्रमो न हेतुफलभावात् ॥ ११ ॥

कारणों के इकठ्ठा न होने से कारणों के क्रम से घट पट जादि ज्ञानों का क्रम है, न कि कार्य कारण भाव से ।

व्या-आत्मा, मन, इन्द्रिय और विषय. का सम्बन्ध ज्ञान का कारण है। अब घट ज्ञान के पीछे जो पट ज्ञान हुआ है, यह इस लिए नहीं, कि घट ज्ञानं पट ज्ञान का कारण है। ऐसा इोखा, तो पट ज्ञान कभी घट ज्ञान के विना होता ही न, किन्तु काय से इस लिए हुआ, कि नेत्र का संयोग पहले घट से हुआ , पीछे'पेट से हुआ है। इस लिए घट का ज्ञान पहले और पटं ज्ञान पीछे हुआ है। जहां द्रव्य'विशेषण रूप से प्रतीति होता है, जैसे दण्डी में दण्ड, वहां दण्ड ज्ञान को दण्डी ज्ञान के प्रवि कारणुता .. ...