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पुटसंख्या
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निशि नेति चेन्न |
३८७
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नेतरोऽनुपपत्तेः |
३७
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नैकस्मिन् दर्शयतो हि |
३७९
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नैकस्मिन्नसंभवात् |
१८३
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नोपमर्देनातः |
३८२
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प
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पञ्चवृतिर्मनोवत् |
२२९
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पटवच |
१५२
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पस्यादिशब्देभ्यः |
११५
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पत्युरसामञ्जस्यात् |
१८५
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पयोऽम्बुवच्चेत् |
१६५
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परं जैमिनिर्मुख्यत्वात् |
३९५
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परमत: सेतून्मान |
२७६
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परात्तु तच्छृुतेः |
२१५
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पराभिध्यानातु |
२५७
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परामर्श जैमिनि: |
३४६
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परिणामात् |
१३६
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परेण च शब्दस्य |
३२७
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पारिप्ल्वार्था इति |
३४९
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पुंस्त्वादिवत्वस्य |
२०९
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पुरुषविद्यायामपि |
३०२
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पुरुषार्थोऽत: शब्दात् |
३३७
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पुरुषाश्मवदिति |
१६६
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पूर्वं तु बादरायणः |
२८३
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पूर्ववद्वा |
२७५
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पूर्वविकल्पः प्रकरणात् |
३२२
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पृथगुपदेशात् |
२०७
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पृथिवी |
१९७
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पुटसंख्या
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प्रकरणाच्च |
६५
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प्रकरणात् |
८४
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प्रकाशवचावैयथ्यात् |
२६५
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प्रकाशादिवच्च |
२७२
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प्रकाशादिवत्तु |
२१८
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प्रकाशाश्रयवत |
२७४
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प्रकृतिश्ध प्रतिज्ञा |
१३३
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प्रकृतेतावत्वं हि |
२७०
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प्रतिज्ञाविरोधात् |
२८
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प्रतिज्ञासिद्धेर्लिङ्गम् |
१३१
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प्रतिज्ञाहानिरव्यतिरेकात् |
१९३
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प्रतिषेधाच्च |
२७६
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प्रतिषेधादिति चेन्न |
३८३
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प्रतिसंख्याप्रतिसंख्या |
१७७
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प्रत्यक्षोपदेशादिति चेन्न |
४१०
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प्रथमेऽश्रवणादिति चेन्न |
२४०
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प्रदानवदेव तदुक्तम् |
३२०
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प्रदीपवदावेशः |
४०८
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प्रदेशभेदादिति |
२२२
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प्रसिद्धेश्व |
९४
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प्राणगतेश्च |
२३९
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प्राणस्तथानुगमात् |
५३
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प्राणादयो वाक्यशेषात् |
१२४
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प्रियशिरस्त्वाद्यप्राप्तिः |
२९४
|
फ
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फलमत उपपत्तं: |
२८१
|
ब
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बहिस्तूभयथापि |
३५९
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