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पृष्ठम्:भगवद्गीता (आनिबेसेण्ट्, भगवान्दासश्च).djvu/३६८

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[322) salute ; मा to me एव even; एष्यसि (thon) shalt come; सत्यं truth; ते to thee; प्रतिजाने (I) promise; प्रिय: dear; असि (thou) art; मे of me. सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरण व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः॥६६॥ Abandoning all- duties, come unto Me alone for -shelter : sorrow not, I will liberate thee from all sins. (66) सर्वधर्मान् =सर्वान् धर्मान् all duties ; परित्यज्य having abandon- ed; मां to me ; शरणं refuge; व्रज come ; अहं I; त्वां thee ; सर्वपापेभ्यः सर्वेभ्यः पापेभ्यः (from) all, from sins ; मोक्षयिष्यामि will free ; मा not; शुच: grieve. इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति॥६७ Never is this to be spoken by thee to anyone who is without asceticism, nor without devotion nor to one who desireth not to listen, nor yet to him who speaketh evil of Me,(67) इदं this ; ते of (by) thee; न not ; अतपस्काय to (one ) without asceticism ; न not ; अभक्ताय to (one) without devo. tion; कदाचन at any time; न not ; च and ; अशुश्रूषवे to ( one ) not wishing to listen ; are to be spoken; न not; and मां -me; यः who.; अभ्यसूयति cavils at. य इदं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति ।