पृष्ठम्:ब्रह्मसिद्धिः (मण्डनमिश्रः).djvu/६३४

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

APPENDIX . बलसिडियाख्योदाहृतानां वाक्यानामकारादिक्रमेणा नुक्रमणिका Page. 89 Manu. 11-44. 68 Tait. Bah. 1-6-8-1. 28 Chénd. B- 2-1. अकुर्वन्विहितं कर्म .. अग्निहोत्रं जुहोति अण्व्य इवेमा धानाः अतो ज्यायांश्च अत्रैव समवनीयन्ते - अथ येऽन्यथातो विदुः अथातो धर्मजिज्ञासा ... 164 Purn. Shk. 8 261 B¢h. 8-211. 246 Chand. 7-25-2, 295 im. St. 1-1.1. 257 B¢h 8-8-11 . B C. Chand. 6-2-1. " 110 CE. Ap. Sr. Sh. 121-1. 49 Makyapadiya. 1-1, 10, 81 Yogarithra. 2-5. 84, 244, 247 Chवैnd. 6-8-8. 289 CY. Ap. S. Kh. 1884 258 Katha. 2-14-0. अठ्ठं द्रष्टुं अद्वितीयः अध्वर्यं निष्कामन्तं अनादिनिधनम् अनित्याशचि अनेन जीवेनात्मना । अनो ददातेि अन्यत्र धर्मादन्यत्राधर्मात् अन्योऽन्तर आत्मा .. अपहतपाप्मा अमृतत्वमेति .. अरुणुयैकहायन्या अविनाशी वारेऽयमात्मा अविशिष्टस्तु वाक्यर्थः असङ्गो अयम् असदेवेदम्, 255 Tait. 2-5-1. 291, 294 OChand. 8-1-1. 252 do. 86 8 221 CF. ITait.8ah. 7-1-62A 286 B¢h. 4-5-14 ... 118. 188 Mim. Sb. 1-2-40. 46 B¢h•4-3-15. 22 OCh;nd 8-19-1.