पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/८१

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बीजगणिते- करखियों का योग करने से क ४८४ यह भाजक हुआ, इसका भाज्य में भागदो ७४ भाजक | भाज्य । लब्धि | क ४८४ ) क ८७१२ क १४५२ ( क१८क ३ क८७१२ क १४५२ क १४५२ यहां जो लब्धि आई सो ( १ ) उदाहरण में गुणकरूप थी और इसके तीन खण्ड थे इसलिये १८ योगकरणी है, इसमें नौका भाग देने से २ लब्ध आई नौका मूल ३ हुआ इसके दो खण्ड किये १ । इनके वर्ग १ | ४ हुए अब इनको पूर्वलब्धि २ से गुणने से २ । ८. हुए यही योगजकरणी १८ के खण्ड थे, यथाक्रम न्यास करने से क २ क ३ क ८ गुणक हुआ || करणी का भागहार समाप्त हुआ.. करणीवर्गादे रुदाहरणम्- दिकत्रिपञ्चत्रमिताः करण्य- स्तासां कृतिं त्रिद्धिकसंख्ययोश्च । षट्पञ्चकत्रिद्धिक संमितान पृथक् पृथङ् मे कथयाशु विद्वन् ॥ १४ ॥ अष्टादशाष्टद्धिकसंमितानां कृतीकृतानां च सखे पदानि ॥