पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५५७

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बीजगणिते- अथवा 'तेनाहतोऽन्यवर्णो रूप पदेनान्वितः कल्प्यः , इस स्थान में

  • स्वमूले धनर्से' इसके अनुसार रूपपद ऋण ग्रहण किया नी ४० रू १५

इसके वर्ग का दूसरे पक्ष के साथ समीकरण करने से कालकमान ' नीब २० नी १५ रू ३, आया और कल्पितमूल नी ४० रू १५ का आय- पक्षके मूल या ५ के साथ साम्य करने से यावत्तावन्मान नी ८३ आया | नीलक में १ का उत्थापन देनेसे यावत्तावन्मान ५ और कालक मान ८ आया । 2 अनेकवर्णमध्यमाहरण समाप्त हुआ || दुर्गाप्रसादर चिते भाषाभाष्ये मित्ताक्षरे । पूर्ति गलानेकवर्णमध्यमाहरणक्रिया !