पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५११

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बीजगणिते - पहिले पक्ष का मूल या ४ रू. ७ आया और दूसरे पक्ष काव ८ रू २५ का मूल वर्गप्रकृति से लेना चाहिये तो कालकवर्गाक ८ को प्रकृति और रूप २५ को क्षेप कल्पना किया फिर इष्ट ५ कनिष्ठ का वर्ग २५ हुआ प्रकृति ८ से गुणने से २०० हुआ इसमें क्षेप २५ जोड़नेसे २२५ से हुआ इसका मूल १५ ज्येष्ठ है इसका पहिले पक्ष के मूल के साथ समी- करण के लिये न्यास । या ४ रू. ७ या० रू. १५ समशोधन करने से यावत्तावत् की उन्मति २ आई इससे याच १ या २ या २ | रू २ इन पूर्व राशि में उत्थापन देकर रूप जोड़ देने से राशि हुए ८ । ६ । अथवा | इष्टं ३० कनिष्ठ है इससे ज्येष्ठमूल ८५ या इसका पूर्वमूल या ४ रू ७ के साथ समीकरण करने से यावत्ता- बत् की उन्मति २६ आई । इससे पहिले राशि याव १ या २ | २ २ में ● उत्थापन देना है तो वर्गेण वर्ग गुणयेत् -' इसके अनुसार • उन्मिति का वर्ग २५२१ हुआ यह यावत्तावत् की उन्मति है इसमें ४ २४३६७८ द्विगुण उन्मिति.. समच्छेदपूर्वक जोड़ देने से पहिला राशि बुं १६७७ हुआ और यावत्तावत् उन्मिति दे दूना करने से हुई इस में रूप २ जोड़ देने से दूसरा राशि ४१ आया अथवा यावत्तावत् वर्ग में ऋण यावत्तावत् दो पहिला राशि और यावत्ताधत् दो में ऋण रूप दो दूसरा राशि है याव १ या २ । या २८२ | इनसे उक्तरीति के अनुसार याचत्तावत्की उन्मिति ४३ मिली । अथवा याव १ या ४रू ३ यह हिला राशि है और या २ रू ४ यह दूसरा है इनपर से भी उक्तरीति के अनुसार यावत्तावन्मान आया || ३७ २