पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४९९

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बीजगणिते- चारसे गुणकर रूप जोड़देने से हुए काव ४ का ४ रु १ पीव ८ रू १ पहिले पक्षका मूल का २ रू १ आया दूसरे पक्ष में पीतक वर्गीक ८ को प्रकृति रू १ को क्षेप कल्पना किया और इष्ट ६ कनिष्ठ का वर्ग ३६ प्रकृति ८ गुणित २८८ क्षेप १ युत २८६ हुआ इसका मूल १७ ज्येष्ठ हुआ इसका पहिले मूलके साथ समीकरणके लिये न्यास । का २ रू १ का० रू १७ समशोधन करने से कालक का मान ८ मिला इससे कात्र १ का १ । २ का १ इन दोनों राशियों में उत्थापन देते हैं यदि १ कालक का ८ मान है तो कालकवर्ग का क्या, यो अनुपात करने से 'वर्गेण वर्गे गुण- येत् - इसके अनुसार उसका वर्ग ६४ हुआ इसमें इसी राशिका दूसरा खण्ड ऋणकालकका मान दें जोड़ देनेसे ५६ हुआ अब हर २ का भाग देने से पहिला राशि २८ आया और दूसरा राशि कालकमान ८ है. यो दोनों राशि २८ । ८ हुए । दूसरे पक्ष पत्र ८ रू १ का मूलग्रहण के लिये इष्ट ३५ कनिष्ठ कल्पनाकिया उसका वर्ग १२२५ प्रकृति ८ गुणित ६८०० और क्षेप १ युत ६८०१ हुआ इसका मूल ६६ ज्येष्ठ है इसका पहिले पक्षके मूल का २ रू १ के साथ समीकरण करने से कालकका मान ४६ आया यह दूसरा राशि है । अब उक्त रीति के अनुसार उसका वर्ग २४०१ कालक मान ४६ से ऊन २३५२ और हर २ से भागा पहिला राशि १९७६ हुआ, इसभांति दोनों राशि ११६ । ४६ हुए । २और याव ७ राशि कल्पना किया उनका योग याव ६