पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४६९

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बीजगरिंगते- पक्षमूलम् या ६ रु १ अथ द्वितीय पक्षस्यास्य काव ६ रु १ वर्गप्रकृत्या मूले क २ । ज्ये ५ वा, क २० । ज्ये ४६ ज्येष्ठं प्रथमपक्षपदेनानेन या ६ रू १ समं कृत्वा . लब्धं यावत्तावन्मानम् वा ८ हूस्वं प्रकृतिवर्णस्य कालकस्य मानम् २ | वा २० । एवं कनिष्ठज्येष्ठवशे- न बहुधा ॥ उदाहरण वह कौन राशि है जिसको दूना करके उसी · जोड़ देते हैं तो वर्गात्मक होता है । या २ हुआ षड्गुण कल्पना किया किया १ राशि है २ से गुण देने राशिवर्ग जोड़ देनेसे याव ६ या २ हुआ यह वर्ग है इसलिये कालकवर्ग के साथ समीकरण के अर्थ न्यास | में षड्गुणित राशिवर्ग याव ६ या २ काव० याव ० या० काव १ ' आद्यं वर्से --' इसके अनुसार समीकरण करनेसे पक्ष यथास्थित रहे, मूल के लिये ६ से गुणकर १ जोड़दे से हुए । याव ३६ या १२ रू १ काव ६ रु १ मूल या ६ रू १ आया और दूसरे पक्ष में अव्यक्त वर्ग ६ को प्रकृति और रूप १ को क्षेप कल्पना किया बाद इष्ट २ को कनिष्ठ मानकर उसके वर्ग ४ को प्रकृति ६ से गुणकर उसमें क्षेप १ जोड़ देने से २५ हुआ इसका सरूप है तो कालक व 4