पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४५८

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अनेकवर्गसमीकरणम् । इसलिये प्रकृत में सिद्ध किये हुए पोंके समशोधन करने से भी यावत्ता- वत् की उन्मिति पूर्वके तुल्यही आती है । जैसा - पहिले और दूसरेके पणों का समीकरण के लिये न्यास या ३० का ५४६६ ५४६ या १२० का २१६६ रु. १६४७ ३ समच्छेद और वेदगम करने से हुए या ६० का १६४७ रु १६४७ या १२० का २१६६ रु १६४७ समशोधन करनेमें तुल्यरूपोंके उड़जाने से यावत्तावत् की उन्मति पूर्व का ५४६ तुल्यही आई- या ३० के लिये न्यास | - इसीभांति दूसरे और तीसरे के पोंका समीकरण या १२० का २१६६ रु १६४७ ३ पूर्व तुल्यही आई या १५०० का २७४५० रु १६४७ ३ तुल्यता के कारण हरोंके करने से हुए या १२० का २१६६ रू १६४७ या १५०० का २७४५० रू १६४७ समशोधन करने में तुल्य रूपों के उड़जाने से यावत्तावत् की उन्मिति का २५२५४ का ५४६ या १३८० या ३० इसीभांति पहिले और तीसरे के पणों का समीकरण के लिये न्यास ।