पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३५५

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MIL बीजगणिते- गुणनफलमें राशिक्षेप २ को घटा देने से तीसरा वधमूल याव १ या १५. रू ५२ हुआ | राशि मूल और वध मूलों का क्रम से न्यास । गाव ० या १ रू० याच ० या १ रू ३ याव ० या १ रू ६ याव ० या १ रू ६. याव १ या ३२ याव १ या ६ रु १६ याव १ या १५रु ५२ इन मूलों का योग याव ३ या ३१ रू ८४ हुआ इसमें ११ जोड़ने से याव ३ या ३१ रू ६.५ हुआ यह तेरह के वर्ग के समान है इस लिये समीकरण के अर्थ न्यास । याव ३ या ३१ रु ६५ याव ० या० रू. १६६ शोधन करने से हुए याव ३ या ३१ रू० याव० या ० रु ७४ बारह से गुणकर एकतीस का वर्ग जोड़देने से हुए याव ३६ या ३७१रु ६६१ याव ० रु १८४६ या ० इनके मूल आये या ६ रु ३१ या ० रू ४३ समीकरण करने से यावत्तावत्का मान २ आया इससे राशिमूल में उत्थापन देने से राशिमूल हुए २१५.१८ | ११ | इनके वर्ग ४ | ३ॣ । ६४। १२१ हुए, इनमें राशिक्षेप २ अलग अलग ऊन करने