पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३५३

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३४६ बीजगणिते - 1 यहां पहिले खण्ड का मूल याव १ आया, दूने उसका याव २ दूसरे खण्ड याघ ६ में भाग देने से या ३ सब्धि मिली उसके वर्ग याव ६ को तीसरे खण्ड याव ५. में घटा देनेसे ' याव ४ या १३ रू ४' यह शेष रहा । अब यागत मूल 'याव १ यो ३' को दूना करके ' याव २ या ६' शेष खण्ड 'यात्र ४ या १२' में भाग देनेसे रूं २ लब्धि आई उसके वर्ग ४ को ‘रू ४' इस शेष में घटा देनेसे शेष कुछ नहीं रहा उन मूलों का क्रमसे न्यास याव १ या ३ रू २ | T इसी भांति दूसरे और तीसरे राशि के घास के लिये न्यास गुण्य = याव १ या १२ रु ३४ गुणक = याव १ या ६ रु ७ या व व १ या घ ६ याव ७ वाघ १२ या व ३४ या व ७२ या २०४ या ८४ रु २३८. गुणन फल = याव व १ याधु १८ याव ११३ या २८८६२३८ इसमें १८ जोड़ देनेसे यावव १ याघ १८ याव ११३ या २८८ रु २५६ उक्त रीति से इसका मूल आया याव १ या ६ रू १६ इसी भांति तीसरे और चौथे राशिके घातके लिये न्यास । गुण्य = याव १ या १८ रु ७६. गुणक व्याव १ या १२. रु ३४ यावव १ याव १८ याव ७६