पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३५२

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एकवर्णमध्यमाहरणम् | ३४५ का मूल या १ रू ३ हुआ। इसीभांति तीसरे और चौथे राशि के मूल या १ रू ६ । या १ रू ६ हुए | उनके वर्ग हुए ( या १ ) १ ( या १ रू ३ ) २ ( या १ रू ६ ) २ ( या १ रू ६ ) २ इनमें राशिक्षेत्र २ को घटा देने से हुए याव १ या ६ रु ६ → याव १ या १२ रु ३६ = याच १ या १८ रु ८१ याव १ रू २ याव १ या ६ स • याव १ या १२ रु ३४ याव १ या १८ रु ७६ 6 ये २ जोड़ देने से मूलप्रद होते हैं इसीलिये ' राशिक्षेपाद्ववक्षेप:- यह कहा है । अब पहिले और दूसरे राशिके बात के लिये न्यास । गुण्य- याव १ था ६ रु. ७ गुणक= याव १ रू रं यावव १ याघ ६ पाव ७ याव २ या १२.रू १४ गुणनफल= यावव १ याघ ६ याव ५ या १२ रू. १४ इसमें १८ जोड़ देने से यावव १ याघ ६. याव ५ या १२ रू ४ इसमें मूलग्रहण के लिये विषम समका संकेत करने से ! area १ या ६ व ५ या १२ रु ४