पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३३४

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1 . एकवर्णमध्यमाहरणम् | समच्छेद और छेदगम करने से याव ६ या १२ रू० याव० या० पक्षों को चार से गुणकर उनमें रूपसोलह जोड़ने से मूलप्रद हुए याव ३६ या ४८ रु १६ याव ० या० रु २५६ अ' वर्गाकसंख्या यदि चन्द्रभिन्ना - इस सूत्र के अनुसार पक्षों को वर्गाङ्क ६ से गुणकर उनमें वर्णाक १२ के आधे ६ का वर्ग ३६ जोड़ने से मूलप्रद हुए याव ८१ या १०८ रु ३६ याव ० या० रु ५७६ मूल आये या ६ या० रू१६ याह या० रू२४ दोनों स्थान में समीकरण करने से यावत्तावत् का मान २ आया । में उदाहरणम्-- राशिदशनिघ्नो राशिघनाढ्यश्च कः समा यस्य । राशिकृतिः षड्गुणिता पञ्चत्रिंशता विद्वन् || ६७ ॥ अत्र राशिः या १ अयं द्वादशगुणितो राशिघना-