पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३०२

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वर्गोनो न्यासः । एकवर्णसमीकरणम् । स्वभुजवर्गों तो समाविति समशोधनार्थं २६५ याव १ या० रू १६६ याव १ या २८ रु २६ अयोः समवर्गगमे लब्धं यावत्तावन्मानम् ५। अनोत्थापिते जाते ५ || लम्बवर्गयो- श्चोत्थापितयोरुभयतः सम एव लम्ब: १२ | अत्रोत्था- पनं वर्गस्य वर्गेण घनस्य घनेनैवेति सुधिया ज्ञातव्यम् || उदाहरण--- जिस त्र्यस्त्र क्षेत्र में एकभुज पंद्रह है दूसरा तेरह है और भूमि चौदह है वहां लम्ब क्या होगा | आबाधा या आबांधा के ज्ञान से लम्ब जानाजाता है इसलिये छोटी बाधा का मान यावत्तावत् १ कल्पना किया, उसको भूमि १४ में वटा देने से दूसरी रु १४ हुई । उसके वर्ग याव १ या २८ रु १६६ में स्वभुज १५ वर्ग २२५ को घटा देने से लम्बवर्ग याव १ या २८ रु २६ हुआ | इसी प्रकार पहिली आवाधा के वर्ग याव १ को अपने भुजवर्ग १६६ में घटादेने से लम्ब याव १ रू १६६ हुआ | ये दोनों लम्बवर्ग समान हैं इसलिये समीकरण के अर्थ न्यास | याव १ या २८ रु २६ यावरं या रु १६६ समीकरण करने से यावत्तावत् का मान ५ आया, यह छोटी आबाषा