पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/९८

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उप चतुर्वेदीकोष । ६८ उपश्लेष, ( पुं. ) एक ओर की मिलावट | आधार और आधेय का एक और मिलना । उपष्टम्भक, (न.) खूँटा | खम्भा | थुनी | टंक | | रोक | उपसंग्रह, (पुं. ) पैर छूना । झुक कर नमस्कार करना। पॉलागन । उपसंयम, (पुं. ) उपसंहार | खींचना | समाप्त करना । पूरा करना । रोकना । बाँधना | जगत् का नाश । उपसंख्यान, (न. ) धोती | पहिरने का वस्त्र | उपसंहार, (पुं.) अन्तिभभाग | समाप्ति | इकडा करना | खींचना | उपसत्ति, ( सी. ) सेवा | मिलना । पूजा । उपसर्ग, ( पुं. ) रोग का विकार । उपद्रव । शुभाशुभ की सूचना देने वाला । महाभूत विकाररूप उत्पात व्याकरण का एक शब्द विशेष | उपसर्जन, (न. ) प्रधान । गौण | विशेषण | छोड़ना । प्रतिनिधि। एक के स्थान पर काम करने वाला । उपसृष्ट, (न. ) मिला हुआ । दबाया हुआ | मैथुन । भोग । उपसेक, (पुं.) सींच कर मुलायम करना | उपस्कर, (पुं.) मसाला | सामान | सामग्री | भूषण । निन्दा कलङ्क | दोष । उपस्थ, (पुं.) स्त्री की योनि । पुरुष का लिङ्ग | दोनों का नाम । उपस्थातृ, (त्रि. ) सेवक | नौकर | पुरोहित । भेद । पहुँच गया । उपस्थान, (न. ) निकट होना । नमस्कार । प्रार्थना । प्राप्ति । बहुत लोग । उपस्पर्श, (पुं.)ना | स्नान | आचमन । उपस्पर्शन, (न. ) छूना | विधि से आचमन - करना । उपस्पृष्ट, (त्रि.) स्नान किया हुआ। आचमन किया हुआ।। उपा उपहस्तिका, ( स्त्री. ) पानदान | उपहर, (पुं.) युद्ध लड़ाई । एकान्त । निर्जन | भेंट नजर पुरस्कार | निकट | उपहार, ( उपहास, (पुं. ) हास्य । ठट्ठा । उपहर, (न. ) उतार | उपाकरण, (न. ) जनेऊ पहन कर वेद पढ़ना। श्रावणी पूर्णिमा का वैदिक संस्कार कर चुकने पर यज्ञ में पशुहनन । प्रारम्भ | उपाख्यान, (न. ) प्राचीन वृत्तान्त | उपागम, (पुं. ) स्त्रीकार । मान लेना । पहुँ- चना निकट थाना | उपाङ्ग, (न. ) श्रङ्ग के समान । मुख्य का साहाय्य | उपात्त, (त्रि. ) प्राप्त प्रकट न हुआ हाथी । उपादान, (न. ) पकड़ना । लेना । कार्य के साथ मिला हुआ कारण । उपादेय, (त्रि. ) उत्कृष्ट | उत्तम । लेने योग्य | मुख्य | मनोहर । उपाधि, (. पुं. ) पदवी । धर्म की चिन्ता | छल चिह्न । नाम । कुटुम्ब के भरण पोषण की चिन्ता से उत्पन्न घबराहट । उपाध्याय, (पुं. ) अध्यापक । जीविका के लिये वेद अथवा वेदाङ्ग को पढ़ाने वाला । उपानह, ( स्त्री. ) जूते । उपान्त, (पुं.) निकट | सभीप । प्रान्त ! . सिरा । आँख की कोर । उपाय, ( पुं. ) उपगम | साधन । उद्योग | शत्रु को वश में करने के चार उपाय - यथा साम, दाम, दण्ड और भेद । उपार्जन, (क्रि. ) पैदा करना । उपालम्भ, (पुं. ) निन्दापूर्वक दुष्ट वचन | दोष । उलहना | उपासक, (त्रि.) उपासना करने वाला । सेवक | भक्त | उपास्ति, (स्त्री.) उपासना | देवता की सेवा । ● लिया गया । मद्र