पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/९६

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उप , चतुर्वेदीकोष । ६६ . रोग | उपघात, (पुं. ) नाश | अपकार घोट उपचय, (पुं. ) उन्नति । वृद्धि | बढ़ती । ज्योतिष मतानुसार लग्न से तीसरा | छठवां और ग्यारहवाँ स्थान | उपचार, (पुं.) चिकित्सा | सेवा | व्यवहार | घूँस | झूठी प्रशंसां से किसी को प्रसन्न करना । उपचित, (त्रि.) दग्ध | सड़ा हुआ । इकट्ठा किया हुआ | उपजाति, ( श्री. एक प्रकार का छन्द उपजाप, ( पुं. ) भेद | पृथक् होना । धीरे धीरे जाप करना | उपजीविका, (स्त्री. ) जीविका | रोजी | उपजीवक, (पुं.) अधीन आश्रित | नौकर | उपशा, ( स्त्री. ) स्वयं उपार्जित ज्ञान । प्रथम ज्ञान । G उपढौकन, (न. ) उपहार | भंट | उपत्यका, ( श्री. ) पहाड़ की तराई की भूमि । उपदंश, ( पुं.) रोग विशेष । गर्मी की बीमारी चरती । डसना । डङ्क मारना । उपदर्शक, (पुं.) दरवान | द्वारपाल । उपदा, (स्त्री.) घूंस | उपदेश, (पुं.) सिखावन । शिक्षा | गुप्त बात का कहना | मन्त्र आदि देना । उपद्रव, (पुं. ) उत्पात । विघ्न । उपद्रुत, (त्रि. ) विकल | सङ्कट में पड़ा हुआ । उपधा, ( स्त्री. ) छल । प्रवञ्चन । उपधातु, (पुं.) स्वर्गादि सात धातुओं के समान धातु । यथा-स्वर्णमाक्षिक | तार भाक्षिक | तुत्थ | कांस्य | रीति | सिन्दूर | शिलाजीत । उपधान, (न. ) सिरहाना | तकिया । प्रणय | विष । एक प्रकार का व्रत उपधि, ( पुं. ) कपट छल । रथ का पहिया । उप उपधूपित, ( त्रि.) मरने के निकट । दुःखित । सन्तप्त | उपनत, (त्रि.) उपस्थित । | उपनय, ( पुं. ) उपनयन | जनेऊ । पास ले जाया गया। न्याय का एक अवयव । ज्ञान लक्षण से उत्पन्न ज्ञान का भेद । उपनयन, (न.) संस्कार विशेष | यशसूत्र- धारण संस्कार | जनेऊ पहनना । द्विजत्व का प्रधान चिह्न | । उपनाह, (पुं. ) बीन बाजे में तार बाँधने की जगह । घाव | फोड़ा शान्त करने की वस्तु | उपनिधि, (पुं. ) मानत | धरोहर | उपनिक्षेप (पु.) अमानत धरोहर | उपनिमंत्रण, ( न. ) न्योता | उपनिषद्, ( सी. ) वेद का वह भाग जिसे शिरोभाग कहते हैं और जिसमें ब्रह्म और जीव के स्वरूप का वर्णन पाया जाता है । वेद के गुप्तार्थप्रकाशक ग्रन्थ । ब्रह्मविद्या | वेदान्त । परविद्या | धर्म । पास पहुँचना । उपनेत्र, (न. ) चश्मा । ऐनक | उपन्यास, (पुं.) वाक्य रचना । सूचना | विचार | छल। भूमिका | उपपति, (स्त्री.) पति के समान माना गया | जार । गौण पति | रखेला । उपपत्ति, (स्त्री.) युक्ति | सिद्धि 1 संगति । भिलावट | साधन । सफलता | उपपद, (न.) पास या पीछे बोला गया पद । - उपपन्न, (त्रि.) युक्तियुक्त । यथार्थ उपपातक, (न. ) छोटा पाप । उपपादन, (न. ) युक्ति पूर्वक किसी विषय को समझाना | उपपुराण, ( न. ) पुराणों के पीछे के ग्रन्थ । इनकी संख्या भी अठारह ही है । उपनव, (पुं. ) उल्कापात चन्द्र सूर्य- ग्रहण । गोलमाल । उपप्लुत (पुं. त्रि.) पीड़ित । मुसीबत में फैसा हुआ। जलमग्न उपद्रुत