पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/७७

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

श्रभा चतुर्वेदीकोष । ७७ आमासाक, (सं.) एक प्रचलित कहावत या लोकोक्कि । भाष (क्रि. ) सम्बोधन करना । बात- चीत करना । नाम लेना । जोर से बोलना । आभाषण, कथोपकथन । न. ) बातचीत | परस्पर आभास (पुं. ) चमकना । दीखना । असत्य प्रतीत होना । ( स्त्री.) चमक, | दीप्ति । प्रभा । प्रतिबिम्ब | ग्रन्थारम्भ की प्रस्तावना | भूमिका | सादृश्य | समानता । आभास्वर, (पुं. ) चौंसठ वा बारह देवगण | भिजन, ( पुं. ) जन्म सम्बन्धी । जन्मकाल में किया गया सम्बन्धी । कुलीन । भिजात्य, ( न. ) कौलीन्य पाण्डित्य | चतुराई | अच्छी समझ । भित्री (स्त्री.) शब्द | नाम | वर्णन | भीक्ष्ण्य, (न.) बार बार होना । पुनः पुनः | आभीर, (पुं. ) गोप | ग्वाल | देश भेद ( स्त्री. ) गोपी । अहीरिन । ब्राह्मण पिता और अम्बष्ठा जाति की स्त्री से उत्पन्न जाति । भरपल्ली, (स्त्री.) हीरों के गाँव । आभील, ( न. ) भयानक भयङ्कर डरावना | चोट । शारीरिक क्लेश । भ, (पुं.) मोड़ । टिढ़ाई | गोलाई । परिपूर्णता | गान की समाप्ति । आभ्युदयिक, (त्रि. ) चूड़ा आदि । शुभ कर्मों की वृद्धि के लिये श्राद्ध | धन देने वाला । आनन्द का अवसर । आम, (त्रि.) कच्चा | | दुर्वच नामक 1 लेग । आमगन्धि, (न.) कच्चे मांस जैसी गन्धिवाला । चिता के धुएं की गन्धि । आमनस्य, (न. ) धुरे मन वाला | दुःख | शोक । पीड़ा । आमंत्रण, ( न. ) अभिनन्दन । न्योता । बुलावा आह्वान । आम्भ आमय, ( पुं. ) रोग | जिससे रोग उत्पन्न हो । श्रामयाविन्, (पुं. ) रोगयुक्त | रोगी | आमर्शन, ( न. ) छूना | स्पर्श करना । विचारना । श्रमर्ष, (पुं. ) क्रोध | रोष । आमलक की, (पुं. ) वासक वृक्ष । आँवला । आँवले का पेड़ ।, आँवले का फल । आमाशय, ( पुं. ) नाभि और स्तनों के मध्य का भाग। श्रपाक स्थान | न पकने का स्थान । कच्ची जगह् । श्रमिक्षा, ( स्त्री. ) फटा हुआ दूध | लाना । श्रमिष ( न. पुं. ) मांस । खाने पीने और पहनने की वस्तु । घूंस | सुन्दरता । अति लोभ । लाभ । कामदेव का गुण । भोजन | विषय | निबन्ध | जम्बीर वृक्ष का फल । श्रामुक्त, (त्रि. ) छोड़ा गया । पहिने हुए । सजा हुआ | कवच धारण किये हुए पुरुष | सुख, (न. ) प्रारम्भ | नाटकीय प्रस्तावना | नटी सूत्रधार | विदूषक और पारिपार्श्वक की परस्पर वह बातचीत जिसमें संक्षिप्त नाटकीय कथा श्राजाय । श्रामुष्मिक, (त्रि.) परलोक में होने वाली बात। अगले जन्म की घटना। आमुष्यायण, (त्रि. ) अच्छे वंश के कारण अथवा अच्छे कर्मों द्वारा प्रसिद्धिप्राप्त पुरुष का सन्तान | सद्रंशोद्भव का पुत्र | श्रमोद, (पुं. ) गन्धमात्र | हर्ष | प्रसन्नता | मदिन, (त्रि.) चित्त प्रसन्न करने वाले कर्पूरादि पदार्थ । सुगन्ध । य, ( पुं. ) वेद । आगम निगम | गुरुपरम्परा से प्राप्त उपदेश । कुल की रीति भाँति । जातीय चाल या व्यवहार । आम्बिकेय:, ( पं. ) धृतराष्ट्र और कार्त्तिकेय का नाम । ५ श्राम्भस (पुं. ) पनीला | रसीला | पतला | आम्भुसिकः, (पुं. ) मछली १