पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/६१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

चतुर्वेदीकोष । ६० भक्षित | अली, (त्रि.) खाया हुआ । चाटा हुआ । चरखा हुआ। अवलीला, (स्त्री.) अनायास | अनादर | खेल | आसानी | वलेप, (न. ) | लेपन | दूषण | • सम्बन्ध | अवलेपन, (न. ) मलना राङ्कल्प | चन्दन श्रादि । अवलेह, (पुं. ) जीभ से चाटना चटनी | रस | अवलोकन, (न. ) दर्शन | देखना | ढूंढ़ना | लोक नेत्र | 2 श्रवल्गुली, ( सं . ) एक विपैला कीड़ा | अवश, (त्रि.) पराधीन। परवश | बेवस | कामादि से पराधीन । अवशिष्ट, (त्रि. ) अतिरिक्त | भिन्न | पृथक् । परिशिष्ट । शेष अधिक अवश्य, (थव्य. ) सर्वथा | ज़रूर । अवश्याय (पुं. ) शिशिर | पाला | धुन्द | अभिमान | ·.· . श्रवकणी (स्त्री.) गौ जो बहुत दिनों बाद व्याती है। अवष्टब्ध, (त्रि. ) समीप निकट घिरा हुआ। रुका हुआ। बँधा हुआ। अवष्टम्भू (क्रि.) सहारा लेना रोकना । ( पुं० ) सोना । खम्भा | प्रारम्भ अवस्, (सं.) साहाय्य | रक्षा | यश | कीर्त्ति । भोजन | धन | गमन । सन्तोष | इच्छा | सङ्कल्प । अभिलाषा अवसथ, (पुं.) निलय घर | कुटिया ग्राम | अवसर, (पुं.) प्रस्ताव | प्रसङ्ग । मौका | अवसर्प, ( पुं. ) दूत । राजप्रतिनिधि | एलची | श्रवसव्य (गु.) अपसव्य । बायाँ नहीं । अवसृज, (कि. ) फेकना । डालना । खो- लना। ढीला करना | भेजना | बनाना | रखना होइना | त्यागना | f श्रवि अवसाद (पुं.) अवनाश | विषाद अवसान, (न. ) विराम | समाप्ति । अन्त । सीमा मृत्यु | अवसित, (त्रि.) समाप्त । ज्ञात । जाना गया। अवस्कन्द, (पुं. ) शिविर | छावनी । आक्रमण | अवस्कन्दन, ( न. तोड़ना । छीनना । जाना उतरना । अवस्कर, (पुं. ) बुहारी से उड़े हुए कङ्कर मही श्रादि । विष्टा गू। गुह्य लिङ्ग | अवस्व (गु. ) बिषैला | हानिकारक | श्रवस्तार ( पुं. ) जवनिका | परदा | क्रमात | दरी अवस्था (स्त्री. ) दशा । श्रायु । स्थान, (न.) स्थित रहायश | स्थान | अवस्यन्दन, (न. ) मारना। हिंसा करना । श्रवसन, (न.) अधःपतन | नाँचे गिरना | अवहेल, (न. स्त्री.) अनादर | असम्मान | श्रवाशिरस, (त्रि.) अधोमुख नीचामुख । अवाङ्मुख, (त्रि.) अधोमुख । अवाच्, (त्रि. ) नीचे की ओर छोटा देश ( स्त्री..) दक्षिण दिशा | गूँगा पिछला समय । श्रवाच्य, ( न. ) न कहने योग्य | श्रवान्, (क्रि. ) सांस लेना । श्रवान, ) सूखा । अवान्तर, (त्रि. ) भीतरी | बीच का सम्मि लित । अधीन। अतिरिक्त । श्रवारपार, (पुं.) दोनों तटवाला। महोदधि | समुद्र । श्रवारपारीण, (त्रि.) दूसरे पार जाने वाला। अवासस्, (त्रि. ) नङ्गा । (सी.) रजस्वला बुद्ध का नाम । r अवि, (पुं.) सूर्य | बकरा । पर्वत । स्वामी । पति । कम्बल । दुशाला (मो.) रजस्वला स्त्री भेड़ ●