पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३९४

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चतुर्वेदीको स्तनभरं, (पुं. ) मोटे स्तनों का भार । स्तनयित्नु, ( पुं. ) मेघ । बादल | भोथा | बिजली । मौत । रोग । स्तनान्तर, (न. ) स्तनों का मध्य | हृदय | छाती । . स्तन स्तनाभोग, ( पुं. ) स्तनों की पूर्णता । स्तनित, (न.) क्रीड़ा आदि का शब्द | ( त्रि. ) शब्द वाला ।. स्तम्भू, (क्रि. ) रोकना । स्तन्य, ( न. ) दूध स्तब्धरोमन, ( पुं. ) शकर | सुबर | स्तभू, (फि. ) रोकना | स्तम्ब, (पुं. ) झाड़ी | तृण | खम्भा | स्तम्बेरम, (पुं. ) गज। हाथी ! स्तम्भ, (पुं. ) खम्भा । स्तम्भन, (न. ) रोक देना | तन्त्र का प्रयोग विशेष | ३८ स्तोत्र, (न. ) बड़ाई | गुणानुवाद | स्तोभ, ( पुं० ) स्तम्भन । स्तोम्, (क्रि. ) अपने गुणों को प्रकाश करना | स्तोम, ( पं . ) समूह | यज्ञ | बढ़ाई | माथा | धन | गाढ़ा | खेती | ( त्रि. ) टेढ़ा | स्त्यान, (न. ) विकनापन | गाढ़ापन | मिलावट | श्रालस्य | गूत्र | स्त्यै, (फि. ) इकट्ठा करना | शब्द करना | स्त्री, ( स्त्री. ) नारी | औरत | स्त्रीचिह्न, (न. ) योनि । भग । स्त्रीचोर, ( पुं. ) कामी | लम्पट | स्त्रीजित्, ( पुं. ) स्त्रीनश्य | स्त्रीधन, (न. ) औरत की सम्पति । स्त्रीधर्म, ( पुं. ) रजस्वला होना । मासिक धर्म | स्त्रीधर्मिणी, (सी. ) ऋतुमती सी | स्त्रीपुंस, (पुं. ) श्री और पुरुष । स्त्रीलिङ्ग, ( पं . ) सीवाची | स्त्रीचश, स्त्री के वशीभूत होने वाला स्त्रीविधेय, ( पुं. ) सी के वश में रहने वाला स्त्रीसंग्रहण, ( न. ) सी का पकड़ना | एक प्रकार का विवाद | स्तव, ( पुं. ) प्रशंसा | स्तुति | स्तवक, (पुं. ) गुच्छा स्तावक, (त्रि.) स्तुतिकारक बड़ाई करने वाला । • स्तिमित, (न. ) गीलापन । निश्चल | ठहरना । ( त्रि. ) गीला । स्तुत, (पुं.) स्तुति किया हुआ | स्तुतिपाठक, (पुं. ) राजा श्रादि की बढ़ाई करने कला । स्तुम्भू, (क्रि. ) रोकना । स्तूप, ( पुं.) मट्टी का ढेर | बल । निष्प्रयो जनता निकम्मापन | स्तृ, (क्रि. ) फैलना । प्रसन्न होना । स्तृ, (क्रि. ) ढाँपना । स्तेन, (क्रि. ) चोरी करना । स्तेन, ( पुं. ) चोरी । ( त्रि. ) चोर | स्तेम, (पुं. ) गीलापन | चिकनाहट | स्तेय, ( न. ) चोरी | स्तयिन, (त्रि. ) चोर । चोरी करने वाला । स्तोक, (पुं. ) पपीहा । जलबिन्दु । ( त्रि. ) थोड़ा । स्थण्डि स्त्रीलम, (न. ) नपुंसक सियों का समाज | स्त्रीसेवा, ( सी. ) भोग द्वारा नारी की सेवा स्त्रैण, (त्रि. ) स्त्री की आशानुसार काम करने वाला। (न. ) स्त्री का स्वभाव | त्रियों का समूह । स्थ, (त्रि.) ठहरने वाला | यह प्रायः किसी न किसी शब्द के पीछे लगता है, यथा- पर्वतस्थ, गृहस्थ आदि । स्थग्, (क्रि. ) टॉपना | स्थगन, (न. ) ढकन । स्थगित, (नि. ) रुका हुआ । श्रावृत | तिरोहित | स्थगी, ( स्त्री. ) पान का डिब्बा | स्थण्डिल, (न. ) चबूतरा | श्रांगन सच स्थान | होम का मण्डल विशेष | बेदी |