पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३८५

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सिंहि सिंहिकासुत, ( पं. ) राहु । सिंह, (स्त्री.) कण्टकारिका। राहु की माँ । चतुर्वेदीकोष | ३८६ शेरनी । सिक, (क्रि. ) सींचना | सिकता, स्त्री. ) रेत | बालुका | रेगिस्तान | सिकतिल, (त्रि. ) रेतीली भूमि | सिकूध, ( न. पुं. ) मोम | बाल | नील का पौधा | भात का कण | सिचान, } ( न.) नाक का मैल । रहँट । सिचय, ( पुं. ) वस्त्र | सित, (न. ) रूपा । चन्दन । शुक्र ग्रह | ( पुं. ) सफेद रङ्ग । सितकर, (पुं. ) चन्द्रमा कपूर | . सितपक्ष, ( पुं. ) हंस । शुक्लपक्ष । सिता, (स्त्री.) शर्करा ८ चीनी । मिश्री । गङ्गा । सफेद मिट्टी ( चाक ) | सितापाङ्ग, (पुं. ) मोर | सितवासस, (पुं. ) काले कपड़े वाला | सीधु सिद्धा, ( स्त्री. ) ज्योतिष की एक योगिनी दशा का नाम । सिद्धान्त, ( पुं. ) मत । वाक्य समूह विशेष | सिद्धार्थक, (पुं. ) श्वेत सर्षप । वटी वृक्ष । प्रसिद्ध अर्थ । बलभद्र । सितेतर, (पुं.) काला रङ्ग सितोपल, ( पुं॰ ) स्फटिक | बिल्लौर । ( न. ) खड़िया । ( स्त्री. ) चीनी । मिश्री । सिद्ध, (न. ) सेंधानोन । ( त्रि.) पूरा हुआ। सदा । निश्चित | ( पुं. ) व्यास यादि मुनि | देवयोनि विशेष । बाईसवाँ ज्योतिष का योग | गुड़ | काला धतूरा | मंत्र विशेष | सिद्धदेव, (पुं. ) महादेव | सिद्धधातु (पुं. ) पारा | सिद्धपीठ, ( पुं. न. ) सिद्धों का स्थान | सिद्धपुर, (न. ) अहमदाबाद और चाचू के बीच में एक स्थान, जिसे मातृगया भी कहते हैं । सिद्धविद्या, ( स्त्री. ) काली आदि दस महा- विद्या । सिसाधन, (न.) न्यायदर्शन का दोष , विशेष । • सिद्धि, ( स्त्री. ) मोक्ष । सम्पदा | अणिमा आदि आठ प्रकार का ऐश्वर्य | प्रभाव आदि तीन शक्तियाँ | सिद्धिद, (पुं. ) वटुकूभैरव (त्रि.) सिद्धि का देने वाला । सिद्धियोग, ( पुं. ) सिद्धिकारके योग । सिध्मल, (त्रि. ) कोढ़ी । सिनीवाली, (स्त्री.) चतुर्दशी वाली श्रमा- वास्या । सिन्दुवार, १ ( पुं. ) निसिन्दा नामक वृक्ष | सिन्धुवार, यह गन्ध वाला वृक्ष है और इस में सफेद रङ्ग के फूल लगते हैं। सिन्दूर, ( न. ) सेन्दुर . ( पुं. ) वृक्ष विशेष सिन्धु, (पुं.) समुद्र । एक नद । वृक्ष । एक राग । एक देश । हाथी का मदजल । सिन्धु देश तथा उसका रहने वाला । | सिन्धुर, (पुं. ) मस्त हाथी । सिन्धुसङ्गम, ( पुं. ) दो नदियों का मेल । नदी का समुद्र में मिलना। सिप्र, ( पुं. ) सरोवर | चन्द्रमा । पसीना | ( स्त्री . [ ) उज्जैन में प्रसिद्ध एक नदी । तीर्थ विशेष | 1 लिम, (पुं.) सब | सीकू, (क्रि. ) सींचना | सीकर, ) पानी की बूँद । | सीता, ( स्त्री. ) हल का फल | जनकराज- दुलारी | जानकी । दशरथ सुत रामचन्द्रजी की स्त्री और लव, कुश की माता । जगन्माता सीतापति, ( पुं. ) श्रीरामचन्द्र | हल | सीत्कार, ( पुं. ) सिसकारी । अनुराग से उत्पन्न शब्द । - सीधु (पुं. ) मद्य । शराब .