पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३८४

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

सार्व • • चतुर्वेदीकोप | ३८८ सार्वधातुक, ( न. ) विधिलिङ् ऋदि चारों के प्रत्यथ । सार्वभौतिक, (त्रि. ) सर्वभूतव्यापी | सार्वभौम, ( पुं. ) चक्रवर्ती राजा | उतर दिशा का दिक्कुञ्जर | सार्वलौकिक, (त्रि. ) सार्वजनिक | सार्वप, (त्रि. ) सरसों का तेल या खर । " साल, (पुं. ) इस नाम का पेड़ । प्राकार । शहरपनाह | सालनिर्यास, (पुं. ) धूना | राल | सालभाका, (सी. ) पुतली | गुड़िया | वेश्या | सालूर, ( पुं. ) मेंढक सालोक्य, (न. ) मुक्ति भेद | साल्व, ( पुं. ) देश विशेष का राजा | सावधान, (त्रि.) सचेत | सतर्क | खवरदार । सायन, ( न. ) यज्ञान्त | पूरा ३० दिनों का मांस । वरुण शावर, } ( पुं. ) अपवाद । कलङ्क । पाप सावर्ण, (पुं. ) चाठवें मनु का नाम । सावित्र, (पुं. ) वित्र | सूर्य | शिव की पदवी | कर्ण का नाम । ( न . ) यज्ञीय सूत्र | सावित्री, (सी.) प्रकाश गश्म | ऋग्वेद के एक प्रसिद्ध मंत्र का नाम । इसका यह नाम इस लिये पड़ा है कि यह सूर्य को सम्बोधन की गयी है | इसका दूसरा नाम गायत्री भी है। ब्रह्मा की पत्नी का नाम । पार्वती। कश्यप का नाम । साल्वराज सत्य- वान् की स्त्री का नाम, जिसने मरे हुए पति को यमराज से वर में गाँग कर जिन्दा कर लिया था । सावित्रीव्रत, न. ) व्रत विशेष, जिसे हिन्दुओं की स्त्रियाँ मानती हैं और ज्येष्ठ शुक्ला १४ शी से १५ शी तक उपवास करती हैं । वटसावित्री का व्रत । जिस व्रत के प्रभाव से सावित्री अपने पति को सिंह स्वर्ग से वापस लाई थी | देश भेद से ज्येष्ठ की अमावस्या तथा पूर्णिमा को भी होता है । सास्ना, (सी.) गौ के गले की खाल कम्बल | सात्र, (त्रि.) आँसुओं से भरी आँखें । साहचर्थ्य, (न.) साथ | एकही के आश्रय होना । साहस, ( न. ) बलपूर्वक चोरी, व्यभिचार दुष्कर्म । ( त्रि. ) विना विचारे किया गया काम । ( पुं. ) दण्ड विशेष | श्रग्नि । साहसिक, (त्रि.) निष्ठुर | परुषवादी मिथ्या बोलने वाला एकागक विना विचार काम करने वाला । साहस्र, ( न. ) हज़ार की संख्या । ( त्रि. ) हजार की संख्या वाला साहाय्य, ( न. ) सहायता । साहित्य, ( न. ) साथी सङ्गी| एक प्रकार का काव्य या शास्त्र | साहय, (पुं.) बाजी बद कर पशुओं की लड़ाई | सिंह, (पुं.) शेर | हिंसा शब्द का वर्ण विप यीय | लाल यहाँजना | मेप से पाँचवीं राशि | जब सिंह ' किसी' शब्द के पीछे लगता है, तब यह श्रेष्ठ श्रर्थ को बतलाता है । जैसे पुरुपसिंह | भयङ्कर और हिंसक पशु सिंहध्वनि, ( पुं. ) शेर का धहाड़ना । सिंहल, (पुं.) एक टापू का नाम । राँगा । पीतल । सिंहवाहिनी, ( स्त्री. ) दुर्गा | देवी । सिंहविक्रान्त, ( श्री. ) घोड़ा अथवा सिंह के समान बल वाला सिंहसंहनन, ( न. ) छेवाला । सिंह के समान मजबूत श्रङ्ग वाला । सिंहासन, ( न. ) राजा की बैठक | तख्त | सिंह के चिह्न वाला आसन | सिंहिका, (स्त्री.) एक राक्षसी। राहु की माता । कश्यप की स्त्री |