सम चतुर्वेदकोष ३७८ ' समवेत, (वि.) एकत्रित | मिला हुआ | समष्टि, ( सी. ) सम्यग् व्याप्ति | सम्पूर्णता | समसन, (न.) समास | संक्षेप | मिलन | समस्त, (नि. ) सकल | संक्षिप्त । समस्थली, ( सी. ) दुआ | गङ्गा और यमुना के बीच की भूमि । समस्या, ( स्री. ) जो पूरी नहीं है अर्थात् किसी पद्य का एक चरण बतलाकर पूरा पद्य तयार करना एक सदेत जिस के आधार से शेष बात कही जाय । समा, ( श्री. ) वत्सर । समांसमीना, ( सी. ) प्रतिवर्ष व्याने वाली गौ । समाकर्पिन, ( पुं.) बहुत दूर जाने वाला i गन्ध | (त्रि.) अच्छे प्रकार खींचने वाला समाकुल, (त्रि. ) भरापूरा | बहुत उत्तेजित | घबड़ाया हुआ | समाप, ( कि..) निकाल लेना | खींच लेना । समाख्या, (स्त्री.) कीर्ति | यश | प्रसिद्धि | नाम | समाख्यात, (त्रि.) गिना हुआ । भली प्रकार वर्णित । प्रसिद्ध समागभू, (कि.) एकत्र होना । मेल मि - लाप करना । मैथुन करना | समीप आना | लौटना | पाना । समागत, (त्रि.) आया हुआ | मिला हुआ । समागता, ( स्त्री. ) एक प्रकार की पहेली | समाघात, (पुं. ) घात | युद्ध | समाचयन, ( न. ) जोड़ना | बटोरना | समाचर्, ( कि. ) करना । हटाना । समाचार, ( पुं. ) गमन | अग्रगमन । अभ्यास | आचरण | चालचलन | संवाद | सूचना | समाज, (पुं.) सभा । सोसाइटी । लत्र | समूह । दल | हाथी । समाजिक, (त्रि. ) किसी समाज का सामाजिक, J सदस्य या सभ्य | समा समाझा, (क्रि.) भली भांति समझना । (खी.) कीर्ति | प्रसिद्धि | समादा, (क्रि. ) पाना । लेना स्वीकार करना । पकड़ना । देना | लेलेना । आरम्भ करना | विचार करना । समादान, (न. ) भरपाना । जैनियों की नित्य क्रिया विशेष समादिश (क) बतलाना | समादेश (पुं. ) त्राज्ञा । समाधा, (कि. ) एक साथ रखना। मिलाना | जोड़ना रखना अभिषेक करना । चित्त को सावधान करना । चित्त को एकाम करना । सन्तुष्ट करना । मरम्मत करना । अलग करना । समाधि, ( ( न.) मेल । जोड़ । गम्भीर समाधन, विचार | ध्यान | किसी की शङ्का की निवृत्ति । मनकी शान्ति । समाधि, ( पुं. ) ध्येय के साथ मन को लेजा कर एक कर देनी। काव्य का एक गुण | मढ़ी | ईश्वर में एकाकार होना । समाध्मात, (त्रि. ) फूंक कर फुलाया हुआ | समान, (त्रि.) तुल्य बराबर । समानोदक, ( पुं. ) तर्पणादि में समान जल का अधिकारी । चौदहवीं पीढ़ी तक समानोदक भाव पूरा होजाता है - समानोदर्ग्य, (पुं.) भाई । एक गर्भ से उत्पन्न सन्तान । सगा भाई । समाप, (पुं.) देवता के पूजन का स्थान । समापन, (न. ) समाप्ति । प्राप्ति । वध | सर्ग। गम्भीर विचार | समापन, (त्रि. ) समाप्त | प्राप्त । हुआ। या। पीड़ित | मारा हुआ । समाप्त, (त्रि.) परिपूर्ण | सम्यक् प्राप्त । समाप्ताल, (पुं . ) प्रभुं । स्वामी | भर्त्ता । समाभापण, ((न.) बातचीत । - समानान, (न. ) दुहराव | वर्णन उल्लेख |
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