पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३७२

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सन्नि' ★ •. चतुर्वेदीकोष । ३७६ सन्निवेश, (पुं. ) नगर के बाहिर का भाग | अखाड़ा | सम्यक् स्थिति । सन्निहित, त्रि.) निकटस्थ | समीप ठहरा हुआ । संन्यस्त, (त्रि.) डाला गया। अच्छे प्रकार त्यागा गया । जुड़ा हुआ । अर्पित छोड़ा गया । संन्यास, (पुं. ) त्याग चौथा आश्रम | संन्यासिन्, ( पुं. ) संन्यासी | चौथे आश्रम वाला । पक्ष, (त्रि.) अपने पक्ष वाले। सपत्राकरण, ( न. ) तीर के घाव की पीड़ा । ( त्रि. ) पीड़ित किया गया। सपत्न, (पुं. ) शत्रु | वैरी । सपत्नी, ( स्त्री. ) सौत। सपदि, (अव्य. ) तत्क्षण | उसी समय । सपर, (क्रि. ) पूजा करना । सपर्थ्या, (स्त्री.) पूजा श्रादर । सपाद, ( १) चतुर्थीश सहित । सवा । सपिण्ड, (त्रि.) जाति वाला । पिण्ड सम्बन्धी | सपिण्डीकरण, ( न. ) मिलाया गया | श्राद्ध का कर्मविशेष । मरे हुए का पिण्ड पूर्वपिण्डों में मिलाना | सपिण्डीकृत, ( त्रि. ) वह मरा हुआ पुरुष जिसके लिये सपिएडी कर्म किया गया हो । सपीति, ( स्त्री. ) जात वालों के साथ बैठ • कर जल आदि पीना | सप्तक, (न. ) ७ की संख्या सप्तकी, (स्त्री.) मेखला | कन्धनी । सप्तचत्वारिंशत्, (स्त्री. ) सैंतालीस | ४७ | सप्तच्छद, (पुं. ) सतौने का पेड़ । सप्तजिह्व, ( पुं. ) सात जीभ वाला | अग्नि | . आग | सप्तज्वाल, (पुं.) आग सप्त तन्तु (पुं. ) याग | सप्तुति, ( स्त्री. ) सत्तर की गिनती । ७० । सप्ततितम, (त्रि. ) ७० वाँ । संफ सप्तदश, (त्रि. ) १७ वीं संख्या । सप्तद्वीपा, ( स्त्री. ) पृथिवी सप्तधा, (अन्य ) सात प्रकार | सुप्तधातु, (पुं. ) रस, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, शुक्र, अन । सप्तन, ( पुं. ) सात सप्तपदी (स्त्री. ) भवेंर विवाह के समय की स्त्री के साथ यज्ञस्तम्भ की सात परिक्रमा । स्त्री का प्रधान कर्म । सप्तपर्ण, ( पु. ) सतने का वृक्ष सप्तपाताल, ( न. ) अतल श्रादि पृथिवी के नीचे के लोक । सप्तप्रकृति, ( श्री. ) सांख्य की महत्तत्त्व आदि सात प्रकृतियां | सात स्वभाव | सप्तम, (त्रि.) सातवां । 'सप्तर्षि, (पुं. ) मरीचि, अत्रि, पुलह, पुलस्त्य, ऋतु, ङ्गिरा, वशिष्ठ, सात ऋषि । सप्तर्षिमण्डल, ( त्रि. ) श्राफाशस्थ नक्षत्र- मण्डल । सात ऋषियों के नक्षत्रों का समूह | सप्तशती, ( स्त्री. ) सात सौ । मार्कण्डेय पुराण के अन्तर्गत सात सौ श्लोकों का देवी के माहात्य को बताने वाला स्तोत्र | दुर्गा ग्रन्थ | सप्तशलाक, ( पुं. ) ज्योतिष में विवाह, विचारने का एक चक्र जिसमें सात लकीर खड़ी और सात आड़ी होती है। सप्तशिरा, ( स्त्री. ) पान की बेल । शरीरस्थ सात नाड़ियाँ । सप्तसप्ति, ( पुं ) वह मनुष्य जिस के सात घोड़े हों। सूर्य्य श्राफ का वृक्ष । सप्तसागर, ( पुं. ) सात समुद्र । सप्तांशु (पुं. ) श्राग | सात ज्वाला वाली । सप्ताश्ववाहन, ( पुं. ) सूर्य । चाक का पेड़ । सात घोड़ों पर संवारी करने वाला । सप्ति, ( पुं. ) चश्व | घोड़ा सफर, (पुं. ) मछली सफलं, (त्रि. ) फल वाला ।