पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३५०

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खतुर्वेदकोष | ३५४ शपथ । शाप, ( पुं. ) कोसना | गाली। कड़ी बात | शार्दूल, ( पुं. ) बाघ । भेड़िया । एक राक्षस शरभ जब यह किसी शब्द के पीछे लगाया ज है तब इसका अर्थ श्रेष्ठ होता है। • यथा नरशार्दूल अर्थात् श्रेष्ठ नर । शार्दूलविक्रीड़ित, न. ) छन्द विशेष | शार्वर, (न. ) रात का | बहुत अन्धेरा । शालू, ( कि. ) कहना | चापलूसी करना | प्रशंसा करना । चमकना । मुक्त होना । शेखी मारना । शाल, ( पुं. ) एक वृक्ष का नाम जो बहुत लम्बा होता है । घेरा । बाड़ा । मछली । शालिवाहन राजा | शाप शापास्त्र, (पुं. ) मुनि ऋषि । सन्त | शाब्दबोध, ( पुं. ) ज्ञान विशेष । शाब्दिक, (पुं.) व्याकरण शास्त्र का ज्ञाता | शामित्र, (न. ) पशु के बाँधने का स्थान | शाम्बरी, ( स्त्री. माया | इन्द्रजाल । शाम्भव, (पुं.) गुग्गल | काफूर : एक विष । शिवपुत्र । ( न..) देवदारु । ( त्रि. ) शिवोपासक | r शायक. सायक, ( पुं. ) बाय्य | तीर | शार, (न.) चितकबरा । रङ्ग बिरहा | शारङ्ग, (पुं. ) पपीहा । हिरन हाथी भौंरा । मोर । शारद, (न.) चिरा कमल काही । बकुल । ( पुं. ) हरी मूँग ( त्रि. ) शरद् ऋतु में उत्पन्न होने वाला। शारदिक, ( न. ) शरत् काल का श्राद्ध (पुं.) इस ऋतु में उत्पन्न रोग शारदीया, ( स्त्री. ) शरत् कांल में करने योग्य र्दुगा की पूजा | शारि, १ ( स्त्री. ) पाँसा । शतरख के मोहरे | शारी, 3 मैना पक्षी । खल हाथी का पलाना । शारिफल, ( पुं. न. ) शतरज खेलने का खानों वाला कपड़ा या तख्ता । शारीर, (त्रि.-) शरीर के साथ मिला हुआ मुख दुःख । ( पुं. ) बैल मल । शारीरिक, (त्रि.) शरीर से उपजा शरीर सम्बन्धी | शारुक, (त्रि.) जल्लाद | हिंसक शार्कर, (त्रि.) ईट रोड़ों वाला स्थान | शार्ङ्ग, (त्रि. ) सींग का बना हुआ धनुषू | सामान्य धनुष | विष्णु का धनुष् | सोंठ शार्ङ्गिन, (पुं. ) विष्णु | शार्ङ्ग धनुर्धारी । शाल्म शालग्राम, (पुं.) विष्णु चिह्न बताने वाला वह पत्थर जो गंडकी नदी में हो, वहाँ से लाया गया हो, किसी ने बनाया न हो, स्वाभाविक मूर्ति । धर्मशाओं में प्रधान उपास्य शालग्राम शिला । विष्णुस्मृति और कई पुराणों में इनकी महिमा प्रसिद्ध है । शालग्राम पहाड़ से उत्पन्न मूर्ति । महाविष्णु । शालनिर्थ्यास, (पुं. ) साल वृक्ष का गोंद | शालभञ्जिका, (स्त्री.) काठ की पुतली ! वेश्या ३ शाला, ( स्त्री. ) गृह घर । स्थान। पेड़ की डाली। घुड़साल | शालामृग, (पुं. ) गीदड़ | शृगाल । शालावृक, (पुं. ) कुत्ता । गीदड़ | पिला " हिरन । बन्दर | शालि, ( पुं. ) धान शालिवाहन, (पुं.) एक राजा विशेष जिसने अपना शाका चलाया । शाली, ( स्त्री. ) काला जीरा । शालीन, (त्रि. ) ढीठ | निर्लज्ज | चालु ; ( न. ) कसैला पदार्थ | ( पुं. ) मेड़क । शालूर, (पुं. ) मेंडक । शालोतरीय, (पुं.) पाणिनि मुनि ।” शाल्मल, (पुं. ) डीप विशेष