शाकि चतुर्वेदीकोष | ३५३, शाकिनी, ( स्त्री. ) शाक उत्पन्न करने वाली पृथिवी । देवी की एक सहचरी । शाकुन, (पुं. ) सगुन जानने का साधन | एक ग्रन्थ विशेष । काकचरित । . शाकुनिक, (पुं.) बहेलिया | चिड़ीमार | शाकुन्तलेय, (पुं.) राजा भरत | शाक्क, ( त्रि. ) तान्त्रिक जो देवी की उपासना करते हैं । शाक्लोक, ( पुं. ) बर्गों से लड़ने वाला । शाक्य, (पुं० ) बुद्धदेव । शाक्यसिंह, ( पुं. ) बुद्ध विशेष । शाख, (क्रि. ) फैलना । शाख, (पुं. ) कार्तिकेय शाखा, (स्त्री.) डाली। बाहू । दल | भाग सर्ग | सम्प्रदाय | राहु । बेल । वेद का एक भाग | 7 2 शाखानगर, (न.) गाँव का कुछ विभाग जो उससे अलग बसा हो । शहर का मुहल्ला। शाखामृग, (पुं.) बन्दर | शाखारण्ड, (पुं.) अपनी शाखा को छोड़ कर काम करने वाला । शाखिन्, (पुं. ) पेड़ | वेद का एक भाग | एक राजा म्लेच्छ विशेष | शाखोट, (पुं.) वृक्ष विशेष | .शाखोटक, शाङ्कर, (पुं.) नादिया । साँड़ | शाङ्करि, (पुं. ) कार्तिकेय | गणेश | अग्नि, शाङ्ख, ( न. ) शङ्ख का शब्द । शाङ्खिक, (पुं. ) शङ्ख बनाने वाला | सङ्कर जाति विशेष । शङ्ख बजाने वाला । शाचि, (त्रि. ) प्रसिद्ध । बली | (पुं.) कपड़ा | पोशाक | शाट, शाटक, शाटी, ( स्त्री. ) कुर्ती । शाट्यायन, (न.) एक प्रकार की होम विधि विशेष | जो मुख्य होम में किसी प्रकार की भूल या विघ्न होने से किया जाता है। शान्त शाट्य, (न.) शठता | ढोठपन | मूर्खता | शाण, (न.) सनिया कपड़ा । कसौटी । सान | सिल्ली। आरा। चार माशे का माप । शाणित, ( त्रि. ) तेज किया हुआ । शाण्डिल्य, ( पुं. ) एक मुनि । धर्मशास्त्र बनाने वाले एक मुनि विशेष | बिल्व वृक्ष | अग्निभेद । शाण्डिल्यगोत्र,, (न. ) शाण्डिल के गोत्र वाले । शात, (त्रि. ) पैना । रगड़ा हुआ | पतला | दुबला । निर्बल । सुन्दर 4 कटा हुआ | प्रसन्न | उन्नतशील । ( न. ) प्रसन्नता । शातोदरी, ( स्त्री. ) पतली कमर वाली स्त्री | शातकुम्भ, (न.) सोना । धतूला । ( पुं. ) करवीर | शातन, (न. ) पैना काटछाँट । विनाशन | शातपत्रक, १ (पुं.) शातपत्रकी, ( ( स्त्री.) चाँदनी । शातमान, (त्रि.) एक सौ के मूल्य की। शात्रव, (पुं. ) शत्रु । ( न. ) वैरियों का समूह | शत्रुता । चोर | शाद, (पुं.) छोटो घास । कीचड़ । शादहरित, (पुं. ) रमना । हरी हरी घास से भरा पूरा मैदान । शाइल, (पुं.) बहुत घासवाला स्थान । शान्, (क्रि. ) पैना करना | तेज करना । शान, (पुं. ) कसौटी । सान धरने का पत्थर या सिल्ली । शानपाद, (पुं.) चन्दन रगड़ने का हुर्सा - या चकला । पारियात्र पर्वत । शान्तनव, (पुं. ) भीष्मपितामह । शान्तनु, ( पुं. ) एक राजा जो भीष्म का पिता था । शान्ति, (स्त्री.) काम, क्रोध आदि का जीतना । विषयों से विराग | शान्तनिक, (त्रि. ) उपद्रवों को दूर करने वाली होम आदि प्रक्रिया ।
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