पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३३७

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चतुर्वेदीकोष । ३४१ : • वृष वृषपर्वन्ं, ( पुं. ) शित्र | दैत्य विशेष । वृषभ (पुं.) बैल | कान का छेद । औषधिवि. | श्रीवेङ्कट पर्वत जो दक्षिण में प्रधान तीर्थ है । वृषभगति, (पुं.) शिव । वृहद्भानु ( बृहद्भानु ), ( पुं. ) सूर्य चित्रक का पेड़ | वृहतीपति (वृहतीपति), ( पुं. ) वृहस्पति वृहस्पति ( बृहस्पति ), ( पुं. ) वाणी का स्वामी । देव गुरु | वृषभानु, ( पुं. ) एक गोप का नाम जो • वृ. (क्रि.) स्वीकार करना । वरण करना | राधिका जी के पिता थे । वेङ्कट, (पुं.) पर्वत । वृषल, (पुं. ) शूद्र । गाजर । घोड़ा । वेङ्कटेश, ( पुं. ). विष्णु का रूप विशेष श्रीनिवास | । राजा चन्द्र गुप्त वृषली, ( स्त्री. ) शुद्ध की स्त्री । कन्या जो विवाहिता होने के पूर्वही ऋतु मती होगयी हो । वृपलोचन, ( पुं. ) भूसा | बैल की आंखें । (त्रि. ) बैल की आंखों वाला । वृषवाहन, ( पुं.) शिव । वृषस्यन्ती, ( स्त्री. ) कामुकी | कामसुरा स्त्री | वृषाकपायी, ( श्री.) स्वाहा । शची। गौरी । लक्ष्मी । जीवन्ती ।। . वृषाकपि, (पुं. ) महादेव । विष्णु | अग्नि | इन्द्र । वृषाकर, (पुं.) बलवर्द्धक । उर्द । वृषाङ्क, (पुं. ) शिव । वृषि, १ ( स्त्री. ) व्रती के लिये कुशासन विशेष । वृषी, ] वृषोत्सर्ग, ( पुं. ) साण्ड बनाना । मरे हुए के नाम पर बछड़े को दाग कर छोड़ना । वृष्टिं, ( स्त्री. ) वर्षा । वृष्टिभू, (पुं. ) मेंड़क । (त्रि. ) वर्षा में हुआ । वृष्णि, ( पुं.) यादवों का वंश । श्रीकृष्ण | बादल । बढ़ाना । वृहत् ( बृहत् ), ( त्रि. ) वड़ा । • वृहती ( बृहती ), ( स्त्री. ) नारद की वीणा । ३६ की संख्या लवादा। चादर । वाणी । कण्डियारी | एक छन्द जिसका पाद • नौ अक्षरों का होता है । वेग, ( पुं.) प्रवाह । गति । तेज | वेगिन्, ( पुं. ) बाज पक्षी ( त्रि. ) वेम d वाला । वेचा, ( स्त्री. ) भाड़ा | किराया । वेर, वेन, वेता ( स्त्री. ) बाजे पर नाचना | जाना। जानना । विचारना । लेना। देखना। प्रशंसा करना वेण, (पुं.) वर्णसङ्कर पृथु राजा का पिता | वेणि, १ वेणी, 3 ( स्त्री. ) स्त्रियों के सिर के केशों की ग्रन्थि | चोटी । जल की धार । दो या अधिक नदियों का सङ्गम | यमुना गङ्गा और सरस्वती का सङ्गम स्थल । वेणीर, ( पुं.) नीम का पेड़ | वेणु, (पुं.) बाँस : बँसी । १ वेणुज, ( पुं. ) चावल विशेष । जिसका आकार जौं जैसा होता है । वेणुध्म, (पुं. ) बँसी बजाने वाला । वेणुवाद, (त्रि.) वेणुवादक । बैँसी बजाने वृष्णिगर्भ, ( पुं. ) श्रीकृष्ण । वाला । बृहू ( वृह ), ( कि. ) चमकना | शब्द करना | वेतन, ( न. ) किये हुए काम की नियत मजदूरी । तनख्वाह | वेतनादान, ( न. ) व्यवहार विशेष | तन- ख़्वाह लेना । नियत द्रव्य लेना । वेतस्, ( पुं. ) बैंत । एक वृक्ष । वेताल, (पुं.) मल्ल । भूताधिष्ठित शत्र शिव जी का एक गण । द्वारपाल ।