पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३२८

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

विन्ध्य चतुर्वेदीकोप | ३३२ विन्ध्य, (न. ) व्याध । इलायची । पर्वत विशेष । विन्ध्यवासिनी, ( सी. ) मार्कण्डेय पुराण - नुसार एक देवी । श्रीमद्भागवत के अनुसार यशोदा के गर्भ से उत्पन्न विष्णु की माया | यह स्थान मिरजापुर जिले में इसी नाम से प्रसिद्ध विन्ध्याचल पहाड़ पर है। विन्ध्याटवी, ( स्त्री. ) विन्ध्याचल का जङ्गल विन, (त्रि.) विचारा हुआ। पाया हुआ । ठहरा हुआ | विन्यास, (पुं. ) ठिकाना | बचना | तान्त्रिक किया विशेष | अन्यास यादि । विपकिम, (त्रि. ) बहुत पक कर तयार हुआ । विपक्ष, (त्रि. ) शत्रु | वैरी | शत्रुपक्षको ग्रहण करने वाला । विपची, (स्त्री. ) . वीणा विपण, (पुं. ) बिक्री करना । विपणि, ( पुं. स्त्री. ) दुकान । हाट | विपत्ति, ( स्त्री. ) श्रापद विपथ, (पुं.) निन्दित मार्ग | विपद्, A विपदा, ( स्त्री. ) विपत्ति । विपन्न, ( त्रि. ) विपद् में फँसा हुआ। विपरीत, (त्रि.) प्रतिकूल | विपर्य्यय, (पुं. ) उलटा । विपर्य्यस्त, (त्रि. ) व्यतिक्रान्त | उलटा हुआ.। विपर्य्यास, (पुं. ) विपरीत | उल्टापन | विपल, (पुं. ) अति सूक्ष्म समय | विपश्चित् (पुं.) शिक्षित | दाता । पण्डित ऋषि ज्ञानी । विणक, (पुं.) पकाना। पसीना | विपाशु, विपाशा, विपिन, ( न. ) वन | ( स्त्री. ) व्यास नदी | विस विपुल, (त्रि. ) विस्तीर्ण । अगाध | बहुत | सुमर की पश्चिम दिशा का एक पहाड़ । मेरु हिमालय । ( स्त्री . ) आन्द विशेष | विप्र, (पुं.) ब्राह्मण । पीपल का पेड़ | विप्रकार, अपकार । बुराई । तिरस्कार | विप्रकर्ष, (पुं.) दूर होना। विप्रकृत, (त्रि. ) अपमानित । उत्पीडित | विप्रकृष्ट, (त्रि.) दूर रहने वाला । विप्रचित्ति, ( स्त्री. ) एक दैत्य । एक राक्षस । चित्रतिपत्ति, (खी. ) विरोध | संशय | विप्रतिपन्न, ( त्रि. ) सन्देह युक्त कृत विरोध | . विप्रतिसार, 7 (पुं. ) अनुताप । पछतावा | विप्रतीसार, रोष। प्रियुक्त, (नि.) विरहित | बिछुड़ा हुआ | विप्रयोग, (पुं. ) ठगी। विरोध । झगड़ा | वियोग | विप्रलब्ध, (त्रि. ) ठगा हुआ | ( स्त्री. ) एक प्रकार की नायिका | विप्रलम्भ, (पुं.) विसंवाद | झगड़ा | ठगी । बिछोह । शृङ्गार की एक अवस्था । विप्रलाप, (पुं.) विरोधोकि । झगड़ा | विवाद | विप्रश्निका, ( स्त्री. ) दैव की जानने वाली स्त्री | ज्योतिपिनी | टोनहाइन । विप्रसा, ( श्रव्य ) ब्राह्मण को देना । विगस्व, (न. ) ब्राह्मण का धन । विप्रिय, (पुं. ) श्रपराध | श्रनप्यारा । वैरी । विप्रुष, ( सी. ) बिन्दु । बूंद | वेदाध्ययन काल में मुख से निकली पानी की बूंद । (त्रि. ) निर्वासित | देश से निकाला हुआ। परदेश में गया। विप्लव, (पुं. ) घबराहट | उपद्रव । बिगाड़ | खलबखी। गदर | षि