पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३२७

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विधा ब्रह्मा । विधातृ, (पुं. ) प्रजापति । कामदेव । मदिरा । भृगु मुनि के पुत्र | कार्यकर्ता । विधान, (न.) विधि प्रकार | कार्य का निर्देश । चतुर्वेदीकोष | ३३१ → गजभक्ष्यान | विधानश, (पुं.) परिडत । विधि जानने वाला । कार्यकुशल । होशियार । विधायक, (त्रि.) विधानकर्त्ता | कार्य का व्यवस्थापक | विधि, (पुं. ) ब्रह्मा | भाग्य | क्रम | प्रवर्त्तना रूप नियोग | विष्णु | कर्म | गजभक्ष्यान वैद्य | नयी आज्ञा देना। व्याकरण का सूत्र विशेष | आईन । विधिश, (त्रि. ) विधि को जानने वाला विधित्सा, ( स्त्री. ) करने की चाह | विधिदेशक, ( पुं. ) गुरू | सदस्य | विधिवत्, ( श्रव्य. ) विधि के अनुसार । यथाविधि । विधु, ( पुं. ) चन्द्रमा | विष्णु । ब्रह्मा । शङ्कर। कपूर । वायु । विधुत, (त्रि.) काँपा हुआ। त्यक्त | विधुनन, (न.) हिलाना । कँपाना | फट- कारना । विधुतुद, ( पुं. ) राहु । बादल | . विधुर, (त्रि.) विश्लिष्ट | विकल । ( न. ) . अलग होना । विधुवन, ( न. ) कम्पनं । विधूत, (त्रि. ) कम्पित | त्यत । विधेय, (त्रि. ) करने योग्य आज्ञाकारी | समझाया हुआ | विध्वंस, (पुं.) नाश । विनत, (त्रि. ) प्रगत झुका हुआ | टेढ़ा | शिक्षित | गरुड़ की माता कश्यप की स्त्री | विनतासूनु, ( पुं. ) अरुण और गरुड़ | विनय, (पुं.) शिक्षा | प्रणाम | अनुनय | ( त्रि. ) निभृत | क्षिप्त | जितेन्द्रिय | विनयग्राहिन्, ( त्रि. ). अधीन कारी । विन्दु श्रज्ञा- विनयस्थ, (त्रि. ) कहना मानने वाला । विनशन, (न. ) विनाश | कुरुक्षेत्र | विना, (अन्य ) बगैर । वर्जन | विनाकृत, ( त्रि. ) त्यक्त | रहित विनायक, ( पुं. ) गणेश । गरुड़ | विघ्न । ( त्रि. ) गुरु | विनय वाला । नम्र विनाश, ( पुं. ) ध्वंस विनाशोन्मुख, (त्रि.) नष्टप्राय | विनाश के लिये उद्यत । बीनाह, } (पुं. ) कूप का ढकना विनिद्र, (त्रि.) जागा हुआ विनिमय, (पुं. ) बदला | बटाना | बन्धक अमानत | एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु लेना। विनियोग, ( पुं..) काम में लगाना | विनीत, ( त्रि. ) विजय युक्त द पाया हुआ फेंका गया। दूर किया हुआ | (पुं.) सिखाया हुआ। अश्व वृक्ष विशेष | विनेतृ, (पुं.) शिक्षक । राजा । विनेय, (त्रि. ) सिखाने योग्य | पाने योग्य | विनोक्कि, ( स्त्री. ) अलङ्कार विशेष | विनोद, ( फुं. ) खेल । कौतूहल । खण्डन । विन्दु ( बिन्दु), ( पं. ) कण । विन्दी | चिह्न ( त्रि. ) जानने वाला 1. जानने योग्य | विन्दुजा (बिन्दुजाल ), ( न. ), हाथी की सूँड पर का बिन्दु के समान चिह्न विन्दुपत्र ( बिन्दुपत्र), ( पुं. ) भोजपत्र विन्दुसरस् (बिन्दुसरस्) , ( न. ) एक तालाब जो कई ऋषि की तपस्या से सन्तप्त हो कर दयार्द्र हो कर श्री विष्णु ने आसू बहाये उनका भर गया। " बिन्दु सरोवर " यह गुजरात में सरस्वती नदी के किनारे सिन्धुपुर में प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है ।